Kanpur Dehat के चर्चित बेहमई कांड में 43 साल बाद आया फैसला... एक डकैत को कोर्ट ने सुनाया आजीवन कारावास

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर देहात में नरसंहार मामले में एक डकैत को आजीवन कारावास

कानपुर देहात, अमृत विचार। बहुचर्चित बेहमई कांड के मामले में बुधवार को अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए एक आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं एक आरोपी को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है।

सिकंदरा थाना क्षेत्र के बेहमई गांव में 43 साल पहले 14 फरवरी 1981 को दस्यु सुंदरी फूलन देवी ने अपने गिरोह के साथ लूटपाट करते हुए एक जाति वर्ग के लोगों को लाइन में खड़ा कर उन पर अंधाधुंध फायरिंग कर सामूहिक नरसंहार की घटना को अंजाम दिया था।

जिसमें बीस लोगों को मौत हो गई थी। जबकि छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मामले में गांव के ही वादी राजाराम सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी सुनवाई एंटी डकैती कोर्ट में चल रही थी। मामले में चली लंबी सुनवाई के दौरान मामले के वादी मुकदमा सहित गवाह व कई आरोपी दुनिया को अलविदा कह गए।

सुनवाई के दौरान अदालत में लंबे समय से कई चक्रों में अभियोजन व बचाव पक्ष की बहस हुई। साथ ही दोनों पक्षों की ओर से अदालत में लिखित बहस भी दाखिल की गई थी।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता गिरीश नारायण दुबे ने बताया कि बुधवार को अदालत ने मामले में अपना फैसला सुनाते हुए मामले में आरोपी विश्वनाथ को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। वहीं दूसरे आरोपी श्यामबाबू को दोषसिद्ध करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

बेहमई कांड

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