कल्कि धाम शिलान्यास महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अवसर : द्रौपदी मुर्मु ने कल्कि धाम शिलान्यास से पहले भेजा संदेश

कल्कि धाम शिलान्यास महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अवसर : द्रौपदी मुर्मु ने कल्कि धाम शिलान्यास से पहले भेजा संदेश

संभल। संभल जनपद के ऐंचोड़ा कम्बोह में 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कल्कि धाम का शिलान्यास किये जाने से पहले देश की  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कल्कि धाम शिलान्यास को लेकर अपना शुभकामना अपना संदेश जारी किया है। 


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने संदेश में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संभल की पावन भूमि पर आगामी 19 फरवरी को श्री कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास किया जाना एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक अवसर होगा। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की दृढ़ मान्यता थी कि धर्म और सत्य पर आधारित राजनीति के द्वारा ही जनकल्याण संभव है।

राम राज्य की अवधारणा को गांधी जी ने भारत के स्वराज का आदर्श माना था। अपने संदेश में राष्ट्रपति ने आगे लिखा कि यह प्रसन्नता की बात है कि देश-विदेश में भारत की आध्यात्मिक और नैतिक विरासत के प्रतीक स्वरूप महान देवलियों में प्राण प्रतिष्ठा द्वारा देश की सामाजिक और राजनीतिक चेतना में नई ऊर्जा का संचार किया जा रहा है। भगवान राम के अवतरण की तरह भगवान कल्कि का अवतार भी दुष्प्रवृतियों के विनाश और सत्य प्रवृतियों के उत्कर्ष का कालखंड होगा।

श्री कल्कि धाम मंदिर के निर्माण का संकल्प कालातीत सनातन मूल्यों को पुन स्थापित करने की दिशा में वंदनीय प्रस्थान है। अंत में राष्ट्रपति ने अपने संदेश में लिखा कि इस शुभ संकल्प की सिद्धि के लिए मैं हृदय से शुभकामनाएं व्यक्त करती हूं। आने वाले युगों में श्री कल्कि धाम मंदिर हमारे देश की आध्यात्मिक विरासत एवं लोक कल्याण के आदर्श के प्रतीक के रूप में श्रद्धा का केंद्र बनेगा।

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