लखीमपुर-खीरी: सेमरई वेटलैंड के नजदीक ईंट भट्ठे उगल रहे जहरीला काला धुआं, जिम्मेदार हैं बेखबर

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Published By Vikas Babu
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केशवापुर, अमृत विचार: पर्यावरण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर सरकार ने दर्जनों योजनाएं चलाई। प्रतिवर्ष लाखों, करोड़ों पेड़-पौधे भी लगवाती है। फिर भी तेजी से जलवायु परिवर्तन हो रहा है। इसका संज्ञान देश की सुप्रीम कोर्ट ने लिया और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों, फैक्टरियों, कारखाने यहां तक कि किसानों की फसलों के अवशेषों को भी जलाने पर पाबंदी लगाई गई, जिसका सख्ती से अनुपालन कराया गया और हजारों किसानों पर मुकदमा दर्ज कर करोड़ों रुपए जुर्माना वसूला गया।

दूसरी ओर सेमरई वेटलैंड के आस-पास कई भट्ठे संचालित हैं जो जहरीला काला धुआं उगल रहे हैं। जबकि सरकारी नियम के अनुसार आबादी, नदी, विद्यालय, अस्पताल, पार्कों सहित रेलवे लाइनों, पेट्रोल पंप, जंगल, मुख्य मार्गों से काफी दूरी पर ईंट भट्ठे संचालित करने का आदेश जारी किए गए हैं। लेकिन अधिकारियों की उदासीनता कहें या मिली भगत कही जाए, जिले में कई ईंट भट्टा ऐसे संचालित हैं जिनको नई तकनीक हाईड्राफ तकनीक से संचालित करने का काम किया गया, जो पर्यावरण संरक्षण की ओर आकर्षित करते हैं। किंतु कई ऐसे भी भट्ठे चालू हैं जो चलने योग्य नहीं हैं।

यूपी सरकार ने करोड़ों रुपए वेटलैंड के संरक्षण के लिए स्वीकृत कर पेड़-पौधों को रोपण करते हुए सैलानियों के आने के लिए माहौल बनाने का कार्य किया जा रहा है। वहीं सरकार को सीधी चुनौती दे रहीं ऊंची नीची चिमनी न जाने क्यों सेटेलाइट की गिरफ्त में नहीं आ रही हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों ने सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि गन्ने की जरा सी पत्ती फूंकने पर आफिसों में बैठे अधिकारियों को सेटेलाइट से खबर लग जाती है, किन्तु ऊंची नीची चिमनियों का काला धुआं उन्हें दिखाई नहीं देता है।

नेशनल हरित प्राधिकरण के अशोक कुमार मुन्ना ने बताया कि क्षेत्र में तमाम ईंट भट्ठा अवैध रूप से संचालित हो रहें हैं। इसका ज्ञापन जल्द ही दिया जाएगा। आबादी, वन क्षेत्र, अस्पताल, विद्यालय, नदी के नजदीक भट्ठा नही संचालित किया जा सकता। इससे जंगलों के पेड़ सूखने लगे हैं, वाटर लेबल पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। वेटलैंड में प्रवासी पक्षियों का आना बंद हो रहा है। आबादी क्षेत्र में अस्थमा, दमा, आंखों में जलन जैसी गंभीर बीमारियों का प्रकोप काफी तेजी से बढ़ रहा है। इस मामले को लेकर लोग चिंतित हैं। जल्द ही जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

मामला संज्ञान में आया है। इसको जल्द ही देखा जायेगा, जो भट्ठे मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं उन पर कार्यवाही की जाएगी। बिना लाइसेंस क्षेत्र में कोई भट्ठा नहीं चलने दिया जाएगा---श्रद्धा सिंह, एसडीएम, लखीमपुर खीरी।

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