Kanpur: सांस फूलने के साथ गला चोक होने की अचानक बढ़ी मुसीबत...इस तरह करें बचाव

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर के हैलट और उर्सला अस्पताल में रोज पहुंच रहे बड़ी संख्या में मरीज

कानपुर, अमृत विचार। मौसम में बदलाव के असर से लोग रेस्पेरेटरी संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। इसमें गले में दर्द होने के साथ सांस लेने में दिक्कत व गला चोक होने की समस्या हो रही है। यह संक्रमण उनको अधिक नुकसान पहुंचा रहा है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है या जो नशे का सेवन करते हैं।

हैलट व उर्सला अस्पताल के मेडिसिन विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन ऐसे मरीजों की भीड़ हो रही है, जिन्हें खांसी, जुकाम, गले में दर्द, सीने में जकड़न, सिर व शरीर में दर्द की समस्या है। ऐसे एक तिहाई मरीजों में गला चोक होने की समस्या भी देखी जा रही है। इससे खाना खाने और पानी निगलने में दिकक्त हो रही है। 

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के प्रो. बृजेश कुमार ने बताया कि एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (सांस संबंधी संक्रमण) गंभीर संक्रमण है। इसमें पहले नाक प्रभावित होती है और लापरवाही बरतने पर फेफड़े भी प्रभावित हो सकते हैं। संक्रमण अगर कंट्रोल में नहीं आता तो यह पूरे रेस्पिरेटरी सिस्टम को अपनी गिरफ्त में ले लेता है। ओपीडी में ऐसे 20 से 25 मरीज इलाज कराने रोज आ रहे हैं। उर्सला अस्पताल के सीएमएस डॉ.शैलेंद्र तिवारी ने बताया कि यह संक्रमण एक-दूसरे से फैलता है। फ्लू के अलावा प्रदूषण व धूल भी इसका एक कारण है। सांस के माध्यम से शरीर के अंदर जाने वाले संक्रमण के कणों से नाक व गले को अधिक खतरा रहता है। 

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यह हैं मुख्य लक्षण

लगातार नाक बहना, खांसी बनी रहना, गले में खराश या दर्द, शरीर में दर्द, सीने में जकड़न व थकावट बनी रहना।

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इस तरह करें बचाव 

-पौष्टिक आहार का सेवन करें।

- विटामिन सी युक्त फल-सब्जी खाएं

-बाहर से घर आने पर हाथ जरूर धोएं। 

-छींकते समय मुंह पर रुमाल या हाथ रखें।

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