Kanpur: करौली शंकर धाम में गुरु दीक्षा उत्सव का आयोजन; हर-हर महादेव का गूंजा जयकारा, भक्तों ने समझा गुरु का महत्व...

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। करौली शंकर धाम में माघ पास की पूर्णिमा पर आयोजित उत्सव में करौली शंकर महादेव ने देश-विदेश से आए भक्तों को गुरु की महिमा के बारे में बताया और दीक्षा दी। श्रद्धालुओं के जीवन में किसी तरह का रोग, शोक न रहे इसके लिए आयोजित हवन में भक्तों ने आहुति प्रदान की। इस दौरान हर-हर महादेव का जयकारा वातावरण में गूंजता रहा। 

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करौली शंकर महादेव ने कहा कि अपने शिष्य को गुरु ही भव सागर से पार कराता है। गुरु का ज्ञान और शिक्षा ही जीवन का आधार है। गुरु के बिना जीवन की कल्पना भी अधूरी है। गुरु जगत व्यवहार के साथ-साथ भव तारक, पथ प्रदर्शक भी होते हैं। सनातन अवधारणा के अनुसार इस संसार में मनुष्य को जन्म भले ही माता-पिता देते हैं लेकिन मनुष्य का सही अर्थ गुरु कृपा से ही प्राप्त होता है।

जिस प्रकार माता-पिता शरीर का सृजन करते हैं, उसी प्रकार गुरु अपने शिष्य का सृजन करते हैं। करौली शंकर ने कहा कि कुम्हार जैसे घड़े को सुन्दर बनाने के लिए भीतर-बाहर हाथ से थाप मारता है उसी तरह गुरु अपने शिष्य को अनुशासन में रख ज्ञान प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि जो पूरी निष्ठा से अपने सद्गुरु का अनुसरण करता है वह उसके समान हो जाता है। 

गुरु ही अपने शिष्य को अपने स्तर तक उठाने में मदद करता है। करौली शंकर ने कहा कि सद्गुरु की महिमा अपरंपार है। उसका वर्णन नहीं किया जा सकता है। जिस तरह पारस पत्थर लोहे को सोना बनाता है उसी प्रकार गुरु अपने शिष्य को स्वयं जैसा बनाते हैं। यदि अपनी दिव्यता को पुन: प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको अपने गुरु की शरण में जाना ही होगा। गुरु और शिष्य का संबंध स्वार्थ रहित होता है।

श्रद्धालुओं ने किया गुरु का पूजन

उत्सव में दिल्ली, मुंबई, लद्दाख, अमृतसर आदि शहरों से आए श्रद्धालुओं ने करौली शंकर महादेव का पूजन किया। लोग हरि हर, ऊं नम: शिवाय का अखंड जाप करते रहे। मां महाकाली का भी लोगों ने दर्शन पूजन किया और महादेव का पूजन कर सुख समृद्धि की कामना की।

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