मुरादाबाद: गरीब परिवारों के 4200 बच्चों को मिलेगी स्मार्ट एजुकेशन

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मुरादाबाद, अमृत विचार। शिक्षा के क्षेत्र में पीतल नगरी को एक बड़ी उपलब्धि जल्द ही मिलना शुरू हो जाएगी। जो बच्चे टाट पर बैठकर, लकड़ी की पटरी पर चॉक से शब्द उकेरते थे। उनकी शिक्षा के इस स्तर में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। उनको मिलने वाली शिक्षा अब पुराने ढर्रे से उतरकर स्मार्ट …

मुरादाबाद, अमृत विचार। शिक्षा के क्षेत्र में पीतल नगरी को एक बड़ी उपलब्धि जल्द ही मिलना शुरू हो जाएगी। जो बच्चे टाट पर बैठकर, लकड़ी की पटरी पर चॉक से शब्द उकेरते थे। उनकी शिक्षा के इस स्तर में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। उनको मिलने वाली शिक्षा अब पुराने ढर्रे से उतरकर स्मार्ट होने जा रही है। जी हां, और पहले चरण में गरीब परिवारों के 4200 बच्चे हकदार हो सकेंगे। 12.60 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को नगर निगम ने केवल तैयार ही नहीं कर लिया है, वल्कि सोमवार को इसपर वर्क आर्डर भी जारी कर दिया गया है। अब ठेकेदार को आठ महीने में यह प्रोजेक्ट पूरा करना होगा, उसके बाद शिक्षा के क्षेत्र में एक नयापन बच्चों के भविष्य को सुधारता नजर आएगा।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत डिजिटल पाठशाला में प्रोविजन ऑफ स्मार्ट क्लास तैयार किए जाएंगे। महानगर में बेसिक शिक्षा विभाग के 24 विद्यालय लिए गए हैं। यह पहले चरण का काम है, जिसके तहत इन विद्यालयों की पुरानी छवि एक दम बदल दी जाएगी। इन सरकारी स्कूलों के भवन की रंगत चेंज की जाएगी। दीवार पर स्मार्ट एजुकेशन से प्रेरित चित्र तैयार किए जाएंगे। बच्चों को गुदगुदाते और शिक्षा को लेकर प्रेरित करती आकृतियां भवन की भी शोभा बढ़ाएंगे। सोलर सिस्टम से बिजली का उत्पादन किया जाएगा।

प्रोजेक्टर का इस्तेमाल होगा। कंप्यूटर आदि डिजिटल को बढ़ावा दिया जाएगा। पहले चरण में इन चौबीस विद्यालयों में कम शुल्क के साथ गरीब परिवारों के बयालिस सौ बच्चों को मौका मिल सकेगा। सरकारी विद्यालयों के रूप और रंगत के साथ पढ़ाई की इस बदलती तस्वीर से इन बच्चों के शिक्षा क्षेत्र में स्मार्ट चेंजिंग आने की बड़ी उम्मीद लगाई जा रही है।

हिंदी के साथ अंग्रेजी बोलेंगे नौनिहाल
स्मार्ट क्लास का जादू गरीब परिवारों के बच्चों में बड़ा बदलाव कर सकेगा। महापौर विनोद अग्रवाल बताते हैं कि यह योजना इतनी बेहतर है कि इससे शिक्षा का स्तर तो बेहतर होगा ही, साथ ही बच्चों की शिक्षा में भी बड़ा बदलाव हो सकेगा। बच्चों को हिंदी के साथ साथ अंग्रेजी का भी ज्ञान हो सकेगा। उनकी बॉडी लैग्वेज में भी अंतर दिखेगा। बच्चों को अत्याधुनिक यंत्रों के बारे में जानकारी मिलेगी, उसे चलाना सीखेंगे। गूगल से जुड़ेंगे और पुरानी जो शिक्षा की नीति से जूझ रहे हैं, वह छूमंतर हो जाएगी।

शिक्षकों को दी जाएगी पहले ट्रेनिंग
स्मार्ट क्लास में बच्चों को तो स्मार्ट एजुकेशन मिलेगी ही, लेकिन उससे पहले इस एजुकेशन को देने वाले शिक्षकों को भी स्मार्ट किया जाएगा। इन शिक्षकों की ट्रेनिंग कराई जाएगी। उसके बाद उन्हें स्मार्ट क्लास अटेंड करने का मौका मिलेगा।

-संजय चौहान, नगर आयुक्त ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के चौबीस विद्यालयों में स्मार्ट क्लास तैयार की जाएगी। स्कूल भवन को पूरी तरह से बदल दिया जाएगा। स्मार्ट सिटी के तहत तैयार हुई इस पहले चरण की योजना को लेकर वर्क आर्डर सोमवार को जारी कर दिया गया है। अब इसपर काम शुरू हो जाएगा और तय समय में इसे पूरा करने का प्रयास रहेगा।

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