Kanpur: उर्सला हॉस्पिटल में बढ़े 11 गुना बेड; फिर भी ओपीडी में लग रहा मरीजों का मेला
50 बेड के साथ खुला था अस्पताल, अब यहां 550 बेड की सुविधा
कानपुर, अमृत विचार। कानपुर के इतिहास की दस्तान सुनाता है, शहर के बीच बड़ा चौराहा के समीप बना उर्सला हॉर्समैन मेमोरियल हॉस्पिटल। वर्तमान में यह जिला अस्पताल है। 26 फरवरी 1937 को जब इसकी स्थापना हुई थी, तब यहां पर 50 बेड की सुविधा थी। आज अस्पताल में 550 बेड की सुविधा है।
अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन करीब दो हजार मरीज इलाज कराने आते हैं, गर्मियों में यह आंकड़ा तीन हजार तक पहुंच जाता है। औसतन 22 ऑपरेशन, 60 से 70 अल्ट्रासाउंड और 10 एमआरआई प्रतिदिन की जाती हैं। हर माह 700 मरीजों की डायलिसिस व 500 से अधिक मरीजों के सीटी स्कैन किए जा रहे हैं।
2010 के बाद तेजी से बढ़ीं सुविधाएं
उर्सला अस्पताल में पहले एक ही बिल्डिंग में ओपीडी चलती थी और मरीजों को भर्ती किया जाता था। अस्पताल का कायाकल्प वर्ष 2010 से होना शुरू हुआ। वर्ष 2011 में प्राइवेट वार्ड बने, 2012 में जीरियाटिक वार्ड, 2013 में डायलिसिस यूनिट और वर्ष 2015 में ओपीडी की बिल्डिंग बनी।
इसके साथ ही यहां आईसीयू, बर्न यूनिट, कार्डियक यूनिट, फिजियोथेरेपी, एमआरआई, सीटी स्कैन, वेंटीलेटर, पीबीयू, नियोनेटल यूनिट, सीआर्म, डिजिटल एक्सरे, पैथालॉजी, ब्लड बैंक, ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर यूनिट व अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा है।
स्टाफ का लेखाजोखा
डॉक्टर – 61
रेजिडेंट – 32
फार्मासिस्ट -35
स्टाफ नर्स -120
चतुर्थ श्रेणी कर्मी – 80
सुपर स्पेशिएलिटी दर्जा मिलने से मरीज रेफर नहीं करने होंगे- डॉ. शैलेंद्र तिवारी
उर्सला के सीएमस डॉ. शैलेंद्र तिवारी ने बताया कि बीते 10 वर्षों में अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं काफी बेहतर हुई है। सुविधाएं बढ़ने से अस्पताल के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ा है। इसलिए प्रतिदिन मरीजों की भीड़ होती है। अस्पताल को अब सुपर स्पेशिएलिटी सुविधाओं की दरकार है। यहां पर स्पेशिएलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती होने पर गंभीर व जटिल बीमारियों का इलाज आसानी से हो सकेगा और मरीजों को हायर सेंटर रेफर करने की जररूत नहीं पड़ेगी।
