वाह रे सिस्टम: अफसरों की मेहरबानी या सरकारी अमला लापरवाह...जीवित वृद्धा को जांच रिपोर्ट में मार डाला, जानें- पूरा मामला

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Published By Nitesh Mishra
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कन्नौज में जीवित वृद्धा को जांच रिपोर्ट में मार डाला

कन्नौज, अमृत विचार। लगता है कि सरकारी कर्मचारियों का कोई भी धर्म व ईमान नहीं बचा है। वह जिसको चाहते हैं पात्र ठहरा देते हैं और अपनी मर्जी से अपात्र कर देते हैं। इतना ही नहीं जीवित व्यक्ति को भी जांच रिपोर्ट में मार डालते हैं। इस वजह से पात्रों का सरकारी योजनाओं से वंचित कर दिया जाता है। 

अफसर भी ऐसे लापरवाह व भ्रष्ट कर्मियों पर ‘मेहरबान’ रहते हैं। उन पर कार्रवाई तो होती नहीं, ‘अभयदान’ मिल जाता है। ऐसा ही एक और मामला प्रकाश में आया है, जिसमें बुजुर्ग की वृद्धावस्था पेंशन करीब दो साल से बंद है। वह जीवित है और जांच में उसे मृत दर्शा दिया गया।

तहसील तिर्वा क्षेत्र की ग्राम पंचायत रामपुर मझिला निवासी 80 वर्षीय विद्यावती अपने पुत्र व लाठी का सहारा लेकर मंगलवार को विकास भवन पहुंचीं। कहा कि उनका बैंक खाता आर्यावर्त बैंक शाखा इंदरगढ़ में है। इसमें 24 सितंबर 2022 को वृद्धावस्था पेंशन की अंतिम किस्त आई थी।

बैंक शाखा में पहुंचकर पासबुक इंट्री कराई तो इस बात की सच्चाई सामने आई। उसके बाद पेंशन न मिलने की जनवरी 2024 में शिकायत दर्ज कराई। इसका निस्तारण यह कहकर कर दिया गया कि सत्यापन अधिकारी ने पेंशन निरस्त कर दी है। 27 जनवरी 2024 को आख्या लगाकर यह प्रकरण आईजीआरएस पर निस्तारित कर दिया गया। 

मंगलवार को समाज कल्याण कार्यालय में पहुंचकर महिला ने आवेदन निरस्त करने का कारण पूछा। कार्यालय के कर्मियों ने रिपोर्ट देखकर बताया कि सत्यापन करने वाले कर्मचारी ने बुजुर्ग महिला को जांच में मृत दिखा दिया है। इससे पेंशन बंद की गई है। विद्यावती ने बताया कि पति का पूर्व में निधन हो चुका है। पेंशन मिलती है तो कुछ राहत है, लेकिन करीब दो साल से तो लाभ ही नहीं मिला है। गलत रिपोर्ट लगाने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। 

लग सकता एक साल, मारा जाएगा हक

समाज कल्याण कार्यालय से आवेदक को बताया गया है कि आवेदन को फिर से सक्रिय कर लाभ दिलाया जाएगा। इसमें करीब एक साल का समय लगेगा। बैंक खाते को एनपीसीआई कराने को कहा गया है। पुत्र का कहना है कि आधार कार्ड में मोबाइल नंबर पहले से फीड है। खाता भी एनपीसीआई है। इसी खाते में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की 300 रुपये सब्सिडी भी आई है। दूसरी ओर बताया जा रहा है कि पेंशन मिलने में जो देरी होगी इस दौरान करीब तीन साल का हक जरूरतमंद को नहीं मिलेगा। 

प्रकरण की जानकारी नहीं है। कार्यालय से मामले की हकीकत पता की जाएगी। उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।- सृष्टि अवस्थी, जिला समाज कल्याण अधिकारी

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