बच्चों की अच्छी परवरिश के साथ तालीम जरूरी, बहुसंख्यक लोग शांतिप्रिय और मुसलमानों के शुभचिंतक : मदनी

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Published By Priya
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मुरादाबाद, अमृत विचार। मौजूदा समय में बच्चों को तालीम देना बहुत जरुरी है। उन पर ध्यान देना जरुरी है। हर मां-बाप पर जरुरी है कि वह अपने बच्चों को ज्यादा से ज्यादा तालीम दिलाई और उनकी अच्छी परवारिश करे। जिससे बच्चें पढ़-लिखकर देश का नाम रोशन करे। हमे खुद को मजबूत करते के लिए समाज को सुधारना पड़ेगा। जिसमें मुसलमानों को चाहिए कि वह नमाज की पाबंदी करे। ऐसे लोगों से लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहे जो मुसलमान होकर भी गलत और हराम काम कर रहे है। सबसे पहले उनसे लड़ना है। तभी हम मजबूत होंगे। यह बात महानगर पहुंचे जमीयत-ए-उलमा हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कही। मंगलवार को महानगर के जामा मस्जिद पार्क में जमीयत-ए-उलमा हिंद की उत्तर प्रदेश के प्रांतीय प्रबंधक कमेटी का अधिवेशन आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में मौलाना अहमद मदनी रहे। उन्होंने मंच से मुसलमानों को संबोधित किया। 

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मां-बाप से कहता हूं, औलाद को अच्छी शिक्षा दें, उनपर ध्यान दें

उन्होंने कहा कि बच्चों की तरबियत बड़ी जरुर चीज है। मैं मां-बाप से कहता हूं कि अपनी औलाद पर ध्यान दे। उन्हे अच्छी तालीम दे। उन्होंने कहा कि आज हम ऐसी परिस्थितियों में यहां एकत्र हुए हैं, जहां हमारे धैर्य का परीक्षण है, लेकिन हमारा साहस, हमारी हिम्मत विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पहले से ज्यादा मजबूत है। हम इस विश्वास के साथ एकत्र हुए हैं कि यह बैठकें, खाने और चले जाने की बैठकें नहीं होंगी, न ही यह हमारी ओर से उत्साह और जोश को महज जबानी खर्च के तौर पर व्यक्त किया जाएगा। बल्कि, यह समय मैदान में निकल कर काम करने का है, हमें यह कृत संकल्प करना होगा कि हम साहस के साथ अच्छे जीवन के निर्माण के लिए निरंतर संघर्ष करें। एक दूरगामी और दीर्घकालिक नीति के तहत हमें बदलाव के लिए काम करना होगा और बदलाव की यह यात्रा खुद से शुरू होती है। उन्होंने कहा कि कौमों की जिंदगी में परेशानियां आती रहती हैं। अल्लाह ने कुरान में फरमाया है कि हम तुम्हारी तुम्हारे ईमान के कारण परीक्षा लेंगे, लेकिन यह परीक्षा हमें तोड़ने के लिए नहीं, बल्कि अल्लाह से इनाम के लिए है। यदि हम दृढ़ता के साथ आगे बढेंगे तो हमें इनाम मिलेगा और यदि हमने हिम्मत हारी तो हमारी रक्षा करने वाला कोई नहीं है। 

 

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NCPCR चेयरमैन की मदरसों के खिलाफ बयान की निंदा

उन्होंने भारत सरकार के एनसीपीसीआर के चेयरमैन द्वारा हालिया दिनों में मदरसों के खिलाफ जहरीले बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि उनका बयान अज्ञानता और इस्लाम विरोध पर आधारित है।बेहद जिम्मेदार पद पर होने के बावजूद उनके पास न तो कोई आंकड़ा है और न ही कोई जरूरी काम, बल्कि सिर्फ मुसलमानों को गालियां देकर मलाई काट रहे हैं। देश में दस मिलियन से ज्यादा बच्चे बाल मजदूरी के शिकार हैं और करोड़ों बच्चे आज भी शिक्षा से वंचित हैं। इसकी रोकथाम के लिए एनसीपीसीआर अध्यक्ष ने क्या काम किया। उन्होंने कहा कि हम यह नहीं कहते कि हमारा सिस्टम पूरी तरह से ठीक है, लेकिन आप जो आरोप लगा रहे हैं, उसका धार्मिक मदरसों से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है।

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बहुसंख्यक लोग शांतिप्रिय और संभवतः मुसलमानों के शुभचिंतक

मौलाना मदनी ने कहा कि इस देश के बहुसंख्यक लोग शांतिप्रिय और संभवतः मुसलमानों के शुभचिंतक हैं। ऐसे नफरती लोगों की संख्या बहुत कम है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश के सभी कमजोर वर्गों और समान विचारधारा वाले लोगों के साथ साझा करें और देश के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं। मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने पर ध्यान दिलाते हुए उन्होंने ने कहा कि अगर हम जागरूक नहीं हुए तो हमारी पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी। वर्तमान समय में ईमान की रक्षा भी बहुत जरूरी है और साथ ही अपने नाम और दस्तावेजों को दुरुस्त करना भी समय की अहम मांग है। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता जमीअत उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मौलाना अब्दुर्रब आजमी ने की और मौलाना अब्दुल मोईद फतेहपुरी ने कार्यक्रम का संचालन का किया। इस दौरान मौलाना अमीनुल हक अब्दुल्ला, सैयद जहीन अहमद मदनी, मौलाना इमरान खान, मौलाना मूसा कासमी, मौलाना अब्दुल खालिक, हाफिज ओबैदुल्लाह, मौलाना इफ्तिखार हापुड़, मौलाना गुलफाम, मुफ्ती मोहम्मद सादिक, हाफिज मोहम्मद कासिम, मौलाना आसिम अब्दुल्ला बेंगलुरु शामिल रहे।

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