हल्द्वानी: कंबल तान कर सोया था मोईद, पुलिस को देख कर लगा कांपने

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Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। लंबी रेकी के बाद गुरुवार की भोर एसओजी ठिकाने तक पुलिस पहुंची तो मोईद कंबल तान कर सोया था। आहट पर आंख मीचते उठा और सामने पुलिस को देख कांपने लगा। बताया जा रहा है कि चारों से खुद को घिरा देखने के बाद उसने एक भी बार भागने की कोशिश नहीं की। 

पुलिस का कहना है कि मोईद कई पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, मुम्बई, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार तक फरारी काटने के बाद वापस दिल्ली पहुंचा। दिल्ली में भी वह कहीं भी एक से दूसरे दिन नहीं ठहरा। 21 दिन की फरारी में उसने करीब 8 दिन दिल्ली में गुजारे।

पुलिस उसे लगातार ट्रैक कर रही थी, लेकिन पुलिस जहां पहुंचती मोईद वहां से निकल चुका होता। पुलिस उसके ठहरने का इंतजार कर रही है, ताकि बगैर किसी विरोध के उसे पकड़ा जा सके। 20 फरवरी को मुखबिर से पक्की खबर मिली। मुखबिर ने वो मकान बताया, जहां मोईद रुका था और साथ ही यह भी कि 20 रात वो यहीं सोएगा।

पुख्ता सूचना के बाद एसओजी दबे पांव मकान में दाखिल हुई और उस कमरे तक पहुंच गई, जहां वो सोया था। एसओजी की टीम ने उसके चेहरे से कंबल हटाया तो हड़बड़ाहट में उसने आंखें खोली और सामने असलहों से लैश पुलिस को देख सन्नाटे में चला गया बताया जाता है कि जिस मकान मोईद रुका था वह उसके दोस्त का था। 
 
मोईद की तलाश कर रही थी 6 टीमें
मोईद की तलाश में पुलिस की 6 टीमें लगी थी। दरअसल, अब्दुल मलिक की गिरफ्तारी के बाद एसएसपी ने पूरा जोर मोईद की गिरफ्तारी पर लगा दिया। 6 टीमों के साथ एसओजी को गिरफ्तारी का स्पेशल टास्क दिया गया। दिल्ली, मुम्बई, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि राज्यों में लगातार दबिशें दी गईं। इन दबिशों में मोईद की खबर तो मिली, लेकिन मोईद नहीं और अंतत: उसे दिल्ली से धर दबोचा गया। 
      
पहचान छिपाने के लिए कहीं होटल में नहीं रुका मोईद
21 दिन की फरारी में मोईद ने कहीं भी ठहरने और छिपने के लिए होटल का इस्तेमाल नहीं किया। बताया जाता है कि फरारी के शुरुआती दिनों में एक वह होटल भी पहुंचा, लेकिन कमरा देने से पहले उससे उसकी आईडी मांग ली गई। टीवी और अखबारों में अपनी फरारी की खबर देने के बाद उसने होटल में ठहराना उचित नहीं समझा। उसके सबसे बड़ी वजह होटल में आईडी जमा करना और वहां से सीसीटीवी में उसका चेहरा आना था। 

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