शिक्षा के मंदिर से निकलेंगे विद्वान, अयोध्या के साथ अवध विश्वविद्यालय में भी बन रहा इतिहास: महापौर

शिक्षा के मंदिर से निकलेंगे विद्वान, अयोध्या के साथ अवध विश्वविद्यालय में भी बन रहा इतिहास: महापौर

अयोध्या। हम लोग इतिहास के उस कालखंड में हैं जब अयोध्या में नया इतिहास बन रहा है। इस समय डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय भी अपना इतिहास बना रहा है। यहां की शिक्षा व्यवस्था, यहां की सोच, संस्कृति व सामाजिक व्यवस्था में विश्वविद्यालय का योगदान अनुपम है। अयोध्या सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र बनने जा रही है। जो सिर्फ मंदिर से नहीं बनेगी। इस शिक्षा के मंदिर से भी बहुत से शोध, बहुत से विद्वान और बहुत से विचार निकलेंगे।

ये बातें सोमवार को महापौर गिरीशपति त्रिपाठी ने विवि के स्वामी विवेकानंद सभागार में कहीं। वो अवध विवि के 49वें स्थापना दिवस समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने विवि की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल, कुलसचिव डॉ. अंजनी कुमार मिश्रा, प्रो. नीलम पाठक, प्रो. आशुतोष सिन्हा, प्रो. चयन कुमार मिश्र व परीक्षा नियंत्रक उमानाथ ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। 

अध्यक्षता कर रहीं कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल ने बताया कि 4 मार्च, 1975 को विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। जो  आज एक बहुत बड़ा बट वृक्ष बन गया है। मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री, राज्य शिक्षा मंत्री सहित सभी का समय-समय पर मार्गदर्शन मिलने की वजह से हम निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर हैं। विश्वविद्यालय में 700 से अधिक कॉलेज संबद्ध हैं। सात लाख विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। 7000 विद्यार्थी इस कैंपस में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। प्रो. गोयल ने कहा कि देशभर के 26 विश्वविद्यालयों में छह विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के है। उसमें अवध विश्वविद्यालय प्रथम स्थान पर है। यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है।

अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. नीलम पाठक द्वारा स्वागत एवं विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अद्यतन आख्या प्रस्तुत की गई। सांस्कृतिक कार्यकमों का शुभारम्भ म्यूजिक एवं परफार्मिंग आर्टस के छात्र-छात्राओं के समूह गायन गणपति वंदना से की गई। बीए के छात्र द्वारा सोलो डांस महाकाल की थीम पर प्रस्तुति दी गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम के म्यूजिक एवं परफार्मिंग के छात्रों द्वारा आध्यात्मिक समूह नृत्य की प्रस्तुति दी गई। भारतीय त्याहारों की थीम पर समूह नृत्य बीफॉर्मा के छात्रों द्वारा प्रस्तुति की गई। 

इन शिक्षकों व कर्मचारियों का हुआ सम्मान

मुख्य अतिथि महंत गिरीश पति त्रिपाठी व कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल द्वारा प्रो. आरके तिवारी, प्रो. एमपी सिंह, प्रो. एनके तिवारी, आरके सिंह व कर्मचारियों में फहीम अंशारी, दिनेश लाल श्रीवास्तव, कैलाश चन्द्र श्रीवास्तव, अनार कली, सुरेन्द्र श्रीवास्तव को अंगवस्त्र व स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया गया। 

रिसर्च प्रोजेक्ट लाने वाले को दिया जाएगा अवार्ड

कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय की एक रिसर्च पॉलिसी बनाई है। इस पॉलिसी में हर एक रिसर्च करने वाले को, हर एक रिसर्च पेपर पब्लिश करने वाले को और हर एक रिसर्च प्रोजेक्ट लाने वाले को पुरस्कृत करने के साथ बेस्ट रिसर्चर का अवार्ड भी दिया जायेगा। विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के सहयोग से हर्बल गार्डेन, कम्पोस्ट प्लांट एवं मशरूम यूनिट शुरू की गई है। 

राज्यपाल और कुलाधिपति ने दी बधाई

राज्यपाल व विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय के 49 वर्ष पूरे होने पर विश्वविद्यालय परिवार और समस्त विद्यार्थियों को बधाई देते हुए अपने संदेश में कहा कि विश्वविद्यालय के चहुंमुखी विकास में संकल्पबद्ध होकर योगदान दें।

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