Kannauj: लिपिक मामले में कल तक पूरी होगी जांच; एएसपी इंदुप्रभा सिंह ने दिए ये संकेत... पढ़ें पूरी खबर
डर की वजह से नहीं आया कंप्यूटर ऑपरेटर
कन्नौज, अमृत विचार। बीएसए के वरिष्ठ लिपिक विमल पांडेय को रिश्वत लेने के आरोप में जेल भेजने वाली एंटी करप्शन टीम पर कार्रवाई होना तय होना माना जा रहा है। जांच करने लखनऊ से आईं एएसपी (एंटी करप्शन) इंदुप्रभा सिंह ने इसके संकेत दिए हैं। हालांकि आधिकारिक बयान में उन्होंने कहा कि अभी जांच चल रही है, जो बुधवार तक पूरी हो जाएगी जो पुलिस अधीक्षक (एंटी करप्शन) लखनऊ राजेश कुमार को सौंपी जाएगी। वही इस पर निर्णय लेंगे।
मंगलवार को बीएसए कार्यालय दोबारा पहुंचीं एएसपी ने बंद कमरे में सभी कर्मचारियों से बीएसए उपासना रानी वर्मा की मौजूदगी में एक-एक कर पूछताछ की। सभी कर्मचारियों ने कहा कि एंटी करप्शन टीम के साथ आए सभी लोगों की पहचान उजागर होनी चाहिए। वरिष्ठ लिपिक को रिश्वत के आरोप में उठा ले जाने के बाद कई लोग डीवीआर उखाड़ते रहे और मेजों की ड्रायर की तलाशी लेते रहे।
यह एंटी करप्शन टीम बताए कि आखिर वह कौन लोग थे? जब एएसपी ने ट्रैप टीम के प्रभारी निरीक्षक मृत्युंजय कुमार मिश्रा व सुशील पाराशर से इस बाबत पूछा तो उन्होंने भी इन्कार किया कि वह टीम के अलावा डीवीआर ले जाने वाले लोगों को नहीं पहचानते हैं। टीम ने जब बीएसए कार्यालय के बाहर दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो वह लोग उसमें भी दिखाई दिए। एएसपी ने पत्रकारों को बताया कि सभी साक्ष्य संकलित किए जा रहे हैं। बुधवार को जांच पूरी कर रिपोर्ट एसपी को सौंप दी जाएगी।
बीएसए ने असली फुटेज पेन ड्राइव में सौंपे
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उपासना रानी वर्मा ने एएसपी (एंटी करप्शन) इंदुप्रभा सिंह को वायरल सीसीटीवी फुटेज के असली वीडियो लिखित रूप में सौंप दिए। हालांकि वह काफी देर तक लिखित रूप में लेने से मना करतीं रहीं, लेकिन जब बीएसए ने उच्चाधिकारियों को अवगत कराने का हवाला दिया, तब उन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर किए। इसके अलावा एंटी करप्शन टीम ने बाहर की दुकानों से भी फुटेज निकलवाए। वह सभी साक्ष्य एकत्र कर ले गईं हैं।
डर की वजह से नहीं आया कंप्यूटर ऑपरेटर
वायरल सीसीटवी फुटेज में लिपिक विमल पांडेय के पास कुर्सी पर बैठे कंप्यूटर ऑपरेटर को भी एएसपी ने बुलाया, लेकिन वह डर की वजह से नहीं आया। बीएसए ने जिला समन्वयक (प्रशिक्षण)गौरव दीक्षित को उसके घर भेजा तो उसकी मां ने भेजने से मना कर दिया। लिपिक को निर्दोष साबित करने में कंप्यूटर ऑपरेटर की महत्वपूर्ण भूमिका होगी क्योंकि कक्ष में जिस समय लिपिक के ऊपर रुपये फेंककर पिटाई की गई, उस समय वह वहीं मौजूद था। वायरल फुटेज में भी वह दिखाई दे रहा है। बीएसए ने बताया कि कंप्यूटर ऑपरेटर को बुलाकर उसके बयान दर्ज कराए जाएंगे।
एंटी करप्शन टीम के दोनों सरकारी गवाह भी मुकरे
बीएसए कार्यालय के लिपिक विमल पांडेय को पकड़ने में एंटी करप्शन टीम के साथ आए दो सरकारी गवाह भी मुकर गए हैं। एंटी करप्शन की एएसपी इंदुप्रभा सिंह ने जब चकबंदी विभाग के कनिष्ठ सहायक श्रीकांत यादव और सारणीयक मनीष कुमार से पूछा तो दोनों ने साफ मना कर दिया कि उन्होंने लिपिक को रुपये लेते हुए नहीं देखा था। ऐसे में एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई पूरी तरह संदेह के घेरे में आ गई है।
