सुलतानपुर लोकसभा सीट पर फेल रहा सपा का हर हथकंडा, जीत के मुकाम तक नहीं पहुंच सके बाहरी और स्थानीय प्रत्याशी
अब तक लड़े छह चुनावों में मिली शिकस्त
मनोज कुमार मिश्र, सुलतानपुर, अमृत विचार। सुलतानपुर लोकसभा सीट पर अब तक सपा का हर हथकंडा फेल रहा है। सपा ने यहां बाहरी और स्थानीय दोनों तरह के प्रत्याशियों पर दांव लगाया, लेकिन कोई भी उसे जीत के मुकाम तक नहीं पहुंचा सका। विधानसभा चुनाव की तुलना में देखें तो पार्टी भी लोकसभा चुनाव को लेकर कम ही गंभीर दिखी। प्रत्याशियों ने भी मैदान में उतरने की औपचारिकता पूरी की और उसके बाद सियासी परिदृश्य से गायब हो गए। जो बाहरी प्रत्याशी लड़े, हारने के बाद उनका जिले से कोई मतलब नहीं रहा। जो स्थानीय थे, वे पूरे जिले में अपनी व्याप्ति नहीं बना सके। कुछ नेता दल ही छोड़ गए। इस बार समाजवादी पार्टी को इंडिया गठबंधन का भरोसा है।
लोकसभा चुनाव 2024 में सुलतानपुर संसदीय सीट पर किसी दल ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन सभी दलों के संभावित प्रत्याशी दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। यहां पर भाजपा और सपा के उम्मीदवारों पर सबकी नजर है। गठबंधन के सहारे कांग्रेस के सहयोग से इस बार मैदान में उतरने वाली समाजवादी पार्टी को यहां अब तक छह बार चुनाव में मायूस ही होना पड़ा है।
1996 में पहली बार पार्टी ने तत्कालीन जिलाध्यक्ष कमरुज्जमा फौजी को सुलतानपुर में सपा के कंडीडेट के तौर पर चुनाव लड़ाया। इस चुनाव में उनके सामने भाजपा के उम्मीदवार बाबरी विध्वंस के समय फैजाबाद के पुलिस अधीक्षक रहे देवेंद्र बहादुर राय (डीबी राय) थे।
राय को 2,38,843 और निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के कमरुज्जमा फौजी को 1,20,559 वोट मिले। इस तरह सपा इस चुनाव में रनर रही। 1998 में इलाहाबाद की मेयर रीता बहुगुणा जोशी को सपा ने मैदान में उतारा। इस चुनाव में भी सपा कंडीडेट को 2,05,503 वोट प्राप्त हुए और वे उपविजेता ही रही। भाजपा के उम्मीदवार देवेंद्र बहादुर राय 2,69,951 वोट पाकर लगातार दूसरी बार जिले के सांसद बने।
1999 में अंबेडकरनगर के विधायक राम लखन वर्मा को समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया, लेकिन वे भी नतीजा नहीं बदल सके। इस चुनाव में भी सपा को दूसरे नंबर से ही संतोष करना पड़ा। बसपा के जय भद्र सिंह 1,73,558 वोट पाकर विजयी रहे तो उपविजेता सपा के राम लखन वर्मा को 1,58,959 वोट प्राप्त हुआ। 2004 में समाजवादी पार्टी ने स्थानीय प्रत्याशी पर दांव आजमाया और एमएलसी शैलेंद्र प्रताप सिंह को चुनाव लड़ाया। नतीजा फिर वही रहा। शैलेंद्र प्रताप सिंह 1,59,754 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे। बसपा के मो. ताहिर खां 2,61,564 मत पाकर विजयी हुए। इसके बाद 2009 में सपा ने पूर्व विधायक अशोक पांडेय को चुनाव लड़ाया, लेकिन लगातार जनाधार खो रही पार्टी को इस चुनाव में तीसरे नंबर पर जाना पड़ा।
कांग्रेस से डा. संजय सिंह 3,00,411 वोट पाकर सांसद बने तो बसपा उम्मीदवार मो. ताहिर खां 2,01,632 मत पाकर दूसरे नंबर रहे। 2014 में पार्टी ने स्थानीय प्रत्याशी पर फिर दांव लगाया और शकील अहमद को मैदान में उतारा। इस चुनाव में भी साइकिल को तीसरा स्थान हासिल हुआ। भाजपा के वरुण गांधी जीत दर्ज कर जिले के सांसद बने। उन्हें इस चुनाव में 4,10,348, दूसरे नंबर पर बसपा के पवन पांडेय को 2,31,446 और तीसरे नंबर पर सपा उम्मीदवार शकील अहमद को 2,28,144 मत प्राप्त हुए। 2019 के चुनाव में बसपा का सपा के साथ गठबंधन था, तो सुलतानपुर बसपा खाते में थी और हाथी चुनाव निशान से यहां चंद्रभद्र सिंह सोनू चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में भाजपा की उम्मीदवार मेनका संजय गांधी ने जीत दर्ज की थी। इसी तरह यहां पर आज तक लोकसभा के किसी भी चुनाव में साइकिल को जीत हासिल नहीं हुई है।
सुलतानपुर लोकसभा रिजल्ट
वर्षः 1996
उम्मीदवार पार्टी प्राप्त मत
देवेंद्र बहादुर राय भाजपा 2,38,843
कमरुज्जमा फौजी सपा 1,20,559
वर्षः 1998
देवेंद्र बहादुर राय भाजपा 2,69,951
रीता बहुगुणा जोशी सपा 2,05,503
वर्षः 1999
जय भद्र सिंह बसपा 1,73,558
राम लखन वर्मा सपा 1,58,959
पवन पांडेय निर्दलीय 1,29,525
दीपा कौल कांग्रेस 82,385
वर्षः 2004
मो. ताहिर बसपा 2,61,564
शैलेंद्र प्रताप सिंह सपा 1,59,754
कैप्टन सतीश शर्मा कांग्रेस 1,54,245
वीणा पांडेय भाजपा 91,328
वर्षः 2009
डॉ. संजय सिंह कांग्रेस 3,00,411
मो. ताहिर बसपा 2,01,632
अशोक पांडेय सपा 1,07,895
सूर्यभान सिंह भाजपा 44,425
वर्षः 2014
वरुण फिरोज गांधी भाजपा 4,10,348
पवन पांडेय बसपा 2,31,446
शकील अहमद सपा 2,28,144
अमिता सिंह कांग्रेस 41,983
2019
मेनका संजय गांधी भाजपा 4,58,196
चंद्रभद्र सिंह सोनू बसपा 4,44,670
डा. संजय सिंह कांग्रेस 41,681
(2019 चुनाव में बसपा का सपा से गठबंधन था। सीट बसपा कोटे में थी।)
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