बरेली: अद्भुत और विलक्षण...गुप्तकालीन 'कच्ची मिट्टी का विशाल घड़ा', आता था इस काम
प्रीति कोहली, बरेली, अमृत विचार। बरेली स्थित रुहेलखंड विश्वविद्यालय में प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति विभाग के पांचाल संग्रहालय में विभिन्न ऐसी ऐतिहासिक धरोहर संरक्षित और सुरक्षित हैं। जिन्हें देखकर इतिहास में रुचि रखने वाले लोग रोमांचित हो उठते हैं। इस संग्रहालय पहुंचने वाले दर्शक हमारे भारतीय इतिहास और संस्कृति से रूबरू होने के साथ ही बहुत कुछ ज्ञानार्जन करते हैं।
साथ ही उन्हें प्राचीन भारतीय समाज, राजनीति, शिक्षा, कला, संस्कृति, विज्ञान, धर्म और साहित्य के विभिन्न पहलुओं का मंथन करने का अवसर मिलता है। बता दें कि पांचाल संग्रहालय में विभिन्न प्रकार के पुरातात्विक आकृतियां, अभिलेख, हथियार, वस्त्र समेत अन्य महत्वपूर्ण वस्तुएं हैं। जो युवाओं को हमारे देश की धरोहर का अनुभव करने में मदद करती हैं।
वहीं इस संग्रहालय में एक ऐसी ही प्राचीन धरोहर संरक्षित है, जिसे देखकर लोग प्राचीनकाल के बारे में सोचने को मजबूर हो जाते हैं। यह वस्तु है कच्ची मिट्टी का एक विशाल 'भंडारण घट' जोकि छठी शदी गुप्तकाल का बताया जा रहा है। इस कच्ची मिट्टी से बने विशाल खड़े को संग्रहालय में बहुत ही सुरक्षित ढंग से संजोकर रखा गया है। जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं।
इसके बारे में पांचाल संग्रहालय के रिसर्च एसोसिएट डॉ हेमंत मनीषी शुक्ला बताते हैं कि पांचाल संग्रहालय की टेराकोटा गैलरी में सेंटर पीस के तौर पर 'भंडारण घट' को शीशे के शोकेस में संजोकर रखा गया है, जो बहुत ही अद्भुत और विलक्षण घड़ा है। उन्होंने बताया कि इस कच्ची मिट्टी के घड़े को रुहेलखंड विश्वविद्यालय में प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति विभाग के तत्कालीन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अभय कुमार सिंह के समय में 2018-19 में यह खड़ा संग्रहालय में आया था।
डॉ हेमंत मनीषी शुक्ला ने बताया कि टेराकोटा यानी पक्की मिट्टी का एक विशाल घड़ा बदायूं से मिला था। वैसा ही एक और छोटा घड़ा संग्रहालय में संरक्षित है। वहीं यह टेराकोटा गैलरी की तीसरा घड़ा है, जिसकी विषेशता की अगर बात करें तो यह घड़ा कच्ची मिट्टी का है। उस समय छठी शती यानी गुप्तकाल में अनाज रखने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता होगा।
वहीं इसे बनाए जाने को लेकर उन्होंने बताया कि अंदर से सहारा देकर यह सेप दिया होगा फिर चाक से अलग करके सुखाया होगा। इसके बाद गुप्तकालीन लोग इसका इस्तेमाल भंडारण घट के रूप में करते होंगे। निसंदेह इस घड़े में गेंहू या धान जैसे अन्य अनाज रखे जाते होंगे। अगर आप इस घड़े पर ध्यान देंगे तो आपको इसमें मिट्टी के साथ-साथ भूसा और पुआल जैसी अन्य सभी चीजें जगह-जगह उभरी हुई दिखाई देंगी।
यह भी पढ़ें- Bareilly News: पत्नी पहले गुजर गई...अब राज मिस्त्री ने फांसी लगाकर दी जान, 4 बच्चे हुए अनाथ
