बरेली: 'महादेव' भी नहीं दिला सके जाम से छुटकारा! फिर हांफे लोग...घंटों रेंगते रहे वाहन
बरेली, अमृत विचार। जाम से जूझ रहे कुतुबखाना रोड पर 110 करोड़ की लागत से बनाए गए जिस महादेव ओवरब्रिज को शहर के लिए लाइफ लाइन साबित होने का दावा किया जा रहा था। उसके शुरू होते ही लोगों का सिरदर्द और बढ़ गया है। क्योंकि ओवरब्रिज से कोतवाली के पास उतर रहे वाहनों की कतार नॉवल्टी चौराहे पर बैरियर का काम कर रही है। जिसकी वजह से जाम कम होने के बजाय उसका दायरा और बढ़कर जीआईसी रोड और पुराना पुराना रोडवेज तक फैल गया है।
वहीं आज भी इस इलाके में कई घंटों भीषण जाम में फंसे लोगों का पसीना छूट गया। जिसमें एंबुलेंस भी काफी देर तक फंसी रही। दरअसल, बीती 13 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुतुबखाना रोड पर बने महादेव ओवरब्रिज का लोकार्पण किया था। जिसके बाद से इस पुल के दोनों सिरों पर राहगीर जाम की मार झेल रहे हैं।
नॉवल्टी चौराहा पर ओवरब्रिज उतरने की वजह से जाम की समस्या कोहाड़ापीर चौराह की अपेक्षा ज्यादा भीषण है। यहीं स्थिति बुधवार को ओवरब्रिज के लोकार्पण के बाद से लगातार बनी हुई है। क्योंकि महादेव ओवरब्रिज शुरू होने के साथ ही इससे अच्छा-खासा ट्रैफिक गुजरने लगा है। कोहाड़ापीर की ओर से आने वाले वाहनों की कतार जब नॉवल्टी चौराह पर उतरती है तो बाकी सभी रास्तों का ट्रैफिक जाम हो जाता है।
इस दौरान जल्दी बाहर निकलने के चक्कर में वाहन ऐसे फंस जाते हैं कि जाम को खोल पाना मुश्किल हो जाता है। ट्रैफिक पुलिस इस समस्या का कोई समाधान नहीं ढूंढ पा रही है। जबकि इससे पहले महादेव ओवरब्रिज का लोकार्पण होने तक जनपद के तमाम जनप्रतिनिधि ने इसे बनवाने का श्रेय लेने के लिए मारामरी करते नजर आए। यहां तक की खुद को दिखाने के लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के साथ खुद के पोस्टर भी लगवाए। लेकिन जब पहले की अपेक्षा अब कुछ ज्यादा ही जाम की समस्या पैदा हो गई है तो सभी जनप्रतिनिधि बेखबर होकर गायब हो चुके हैं।
ये भी पढे़ं- बरेली: नगर निगम की बुलडोजर कार्रवाई का डर, 'वेडिंग जोन' से खुद हटाने लगे अतिक्रमण