बरेली: 'महादेव' से नहीं बनी बात, अब अधिकारी ट्रैफिक जाम का ढूंढने निकले इलाज
बरेली, अमृत विचार। कोतवाली इलाके को जाम से राहत दिलाने के लिए 110 करोड़ की लागत से बने महादेव ओवरब्रिज को शहर की लाइफ लाइन साबित होने का दावा किया जा रहा था। लेकिन उसका उल्टा हुआ और महादेव पुल भी लोगों को जाम से निजात नहीं दिया सका।
दरअसल, कुतुबखाना इलाका कई सालों से जाम की स्थित से जूझ रहा है, यहां सबसे बड़ी दिक्कत जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की एंबुलेंस भी जाम का शिकार हो जाती थीं। वहीं इस इलाके को जाम से निजात दिलाने के बाद पिछले एक साल से अधिक समय से बन रहे ओवरब्रिज का विगत 13 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकार्पण किया था।
इस बीच ओवरब्रिज के लोकार्पण तक तमाम जनप्रतिनिधि इसका श्रेय लेने के लिए अपने बैनर-पोस्टर लगवाते रहे। वहीं ओवरब्रिज के लोकार्पण के बाद से कुतुबखाना बाजार को तो जाम से राहत मिल गई, लेकिन पुल के दोनों सिरों पर जाम लगना शुरू हो गया। जिसकी खबरें पिछले कई दिनों से लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं।

वहीं मंगलवार को कमिश्नर सौम्या अग्रवाल, आईजी डॉ राकेश सिंह, एसपी ट्रैफिक शिवराज, एसपी क्राइम राहुल भाटी और नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स समेत अन्य अधिकारियों की टीम नॉवल्टी चौराहा पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने बताया नावल्टी चौराहा से लेकर महादेव ओवरब्रिज तक जायजा लिया है। जिसमें सड़क को चौड़ा करने का विचार किया जा रहा है।

इसके साथ ही मौके से अतिक्रमण को हटवाया जाएगा। वहीं फुटपाथ पर लगी स्ट्रीट लाइट और बिजली के पोल को भी हटाया जाएगा। कमिश्नर ने कहा कि नॉवल्टी चौराहा पर जल्द ही कार्य शुरू कर जनता को जाम से निजात दिलाई जाएगी। बताते चलें कि आज पुलिस की तरफ से नॉवल्टी चौराह पर रूट डायवर्जन किया गया था, जिसके बाद जाम से राहत मिली, लेकिन ट्रैफिक की रफ्तार जरूर धीमी हुई है।
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