बदायूं: जावेद ने खुद वायरल कराई थी अपनी वीडियो, दहगाह जाने का नहीं मिला डाटा...जानिए जांच में अबतक क्या-क्या हुआ?
बदायूं, अमृत विचार: बाबा कॉलोनी नई बस्ती निवासी दो मासूमों की हत्या मामले में पुलिस ने एक हत्यारोपी साजिद को मुठभेड़ में मार दिया। दूसरे हत्यारोपी जावेद का बरेली का वीडियो वायरल हुआ था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा है। पुलिस की जांच में अब तक पता चला है कि जावेद ने एनकाउंटर के डर से खुद ही अपना वीडियो वायरल कराया था। जावेद के बयान के अनुसार ने दरगाह जाकर जांच की। वहां भी उससे संबंधी कोई डाटा नहीं मिला है।
कॉलोनी निवासी विनोद कुमार ठेकेदारी करते है। 19 मार्च को उनके घर के पास में हेयर कटिंग की दुकान चलाने वाले साजिद और जावेद ने उनके दो बेटे आयुष और आहान उर्फ हन्नू की गला रेतकर हत्या कर दी थी। गुस्साई भीड़ ने बवाल किया था। आगजनी की थी। पुलिस ने उसी दिन एक हत्यारोपी साजिद को शेखूपुर के जंगल में मुठभेड़ में मार गिराया था। जबकि दूसरे हत्यारोपी उसके छोटे भाई जावेद की तलाश चल रही थी।
वह सहसवान क्षेत्र में अपनी ससुराल, जहां से अपने पिता बाबू से हेयर कटिंग का काम सीखने वाले परिचित के पास दिल्ली पहुंचा था। हत्याकांड के बारे में जानकारी दी थी। परिचित ने कहा था कि अगर भागता रहेगा तो और परेशानी बढ़ जाएगी। जाकर सरेंडर कर दे। जावेद ने कहा कि बदायूं जाएगा तो लोग मार देंगे। परिचित ने बरेली जाकर आत्मसमर्पण करने की सलाह दी। तो वह पूरी तैयारी के साथ गुरुवार को बरेली आया था।
खुद को बदायूं वाला जावेद बताते हुए वीडियो बनवाया और वायरल करा दिया। बरेली की बारादरी पुलिस उसे पकड़कर ले गई। सूचना मिलने पर बदायूं पुलिस बरेली जाकर उसे ले आई। पूछताछ में उसने बताया था कि मुठभेड़ में मारा गया उसका भाई साजिद बचपन से ही मानसिक रोगी था। वह हिंसक प्रवृत्ति का हो गया था। 8 साल की उम्र में ही दरगाह पर ले जाकर उसका इलाज कराया गया था।
पेड़ पर चिट्ठी टांगकर अर्जी लगाई थी। जावेद की गिरफ्तारी के पास पुलिस ने दरगाह पर जानकारी की तो पता चला कि वहां कोई रजिस्ट्रर न होने से वहां आने-जाने वालों का डाटा नहीं रखा जाता। वहीं दरगाह पर साजिद का इलाज करने वाले के बारे में भी पता नहीं चल सका है। जावेद के अनुसार साजिद ने ही बच्चों को मारा है जबकि उसने बच्चों का नहीं मारा है। एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि मामले की जांच कर रही है। इससे पहले कुछ नहीं कहा जा सकता। जांच के बाद सब स्पष्ट हो जाएगा।
पांच जनवरी को साजिद चढ़ाई थी चादी
साजिद के बचपन से ही मानसिक बीमार होने की वजह से परिजनों को चिंता हुई थी। हवा का साया होने की बात कहकर शहर की एक दरगाह पर ले गए थे। उसके पिता बाबू ने दरगाह परिसर में ही रहने लगे थे। साजिद को कुछ आराम मिला तो परिजन उसे वापस घर ले गए थे लेकिन साजिद समय-समय पर दरगाह आता-जाता रहता था। उसने आखिरी बार पांच जनवरी को दरगाह पर चादर चढ़ाई थी।
घटनास्थल से हटाई पुलिस, एसएसबी जवानों की हुई तैनाती
हत्याकांड के दिन लोगों में खासा गुस्सा था। जिसके चलते उन्होंने बवाल किया था। एक हत्यारोपी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद वह कुछ शांत हुए लेकिन हत्याकांड के अगले दिन बाजार बंद रहा। साजिद का सहयोग उसका भाई जावेद पकड़ा गया। तो मुहल्ले की दुकानें खुल गई हैं लेकिन लोग नहीं पहुंच रहे हैं। पीड़ित परिवार को भी अब पुलिस की जांच का इंतजार है। जिसके चलते घटनास्थल से पुलिस बल हटा लिया गया है। होली के त्योहार के मद्देनजर सीमा सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती की गई है।
लैब भेजे गए खून के नमूने
पुलिस ने दोनों हत्यारोपी पर कार्रवाई करके जांच शुरू कर दी है। दरगाह पर जानकारी करने के अलावा हत्यारोपी साजिद के खून से सने कपड़े और घटनास्थल से मिले खून के नमूने जांच के लिए लैब भेजे गए हैं। जिसकी रिपोर्ट आने का इंतजार है। इसके अलावा पुलिस ने विनोद कुमार के आसपास के घर और प्रतिष्ठानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की है।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने दी सांत्वना
हत्याकांड के बाद पीड़ित परिवार के घर सांत्वना देने वाले लोग पहुंच रहे हैं। केंद्रीय राज्यमंत्री, सांसद, माध्यमिक शिक्षा मंत्री, विधायक आदि उनके दुख में शामिल हुए है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम यादव ने भी पीड़ित परिवार को सांत्वना दी। कहा कि भरोसा रखें दूसरे आरोपी जावेद को भी सख्त सजा मिलेगी।
पहचान के लिए तीन टीमों का गठन
हत्याकांड के दिन बवाल और आगजनी करने वाले 60 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। बवालियों की पहचान के लिए एसएसपी ने तीन टीमों का गठन किया है। एक टीम के इंचार्ज सिविल लाइन के प्रभारी निरीक्षक गौरव विश्नोई, दूसरी टीम सिविल लाइन चौकी इंचार्ज रामेश्वर और तीसरी टीम में मंडी चौकी इंचार्ज चंद्रपाल सिंह रहेंगे।
28 मार्च तक पूरी होगी मुठभेड़ की मजिस्ट्रीयल जांच
हत्याकांड के बाद मुठभेड़ में साजिद की मौत मामले की मजिस्ट्रीयल जांच शुरू कर दी गई है। नगर मजिस्ट्रेट अरुण कुमार 28 मार्च तक जांच करेंगे। उन्होंने कहा है कि मुठभेड़ के संबंध में कोई भी चश्मदीद व्यक्ति लिखित या मौखिक बयान दर्ज कराना चाहता है तो 28 मार्च तक सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक कार्यालय आकर करा सकता है।
जेल में जावेद ने की मच्छर के काटने की शिकायत
पुलिस ने आरोपी जावेद को कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जेल में उसने खाना खाया और रात 9 बजे सो गया था लेकिन बीच-बीच उठता रहा। उसने जेल प्रशासन से मच्छर लगने की शिकायत की थी।
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