Hamirpur: हत्या के मामले में दोषी को आजीवन कारावास की सजा; दूसरे आरोपी की फाइल कोर्ट ने किशोर न्याय बोर्ड भेजी

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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14 साल पूर्व घर से ले जाकर दिया था घटना को अंजाम

हमीरपुर, अमृत विचार। हत्या के 14 साल पुराने मामले में एडीजे प्रथम चंद्रभान सिंह की अदालत ने फैसला सुनाया है। अदालत ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही सात हजार का अर्थदंड लगाया है। जुर्माना जमा न करने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। जबकि दूसरे आरोपी की फाइल किशोर न्याय बोर्ड भेजी गई है।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विशंभर पाल व रामबाबू अवस्थी ने बताया कि मौदहा थानाक्षेत्र के छिरका गांव निवासी पीड़ित भाई चच्चू निषाद ने दी तहरीर में बताया था कि उसका छोटा भाई छोटे (35) 26 अगस्त 2009 की रात खा पीकर घर के बाहर सो रहा था। 

बताया कि जब वह सुबह सोकर जगा और शौच के लिए गांव के बाहर जा रहा था। तभी देखा कि उसका भाई गांव के बाहर बबूल के पेड़ पर फंदे से लटक रहा है। जिसकी मौत हो गई है। कहा कि अज्ञात कारणों से उसकी मौत हुई है। पीड़ित ने पुलिस से पोस्टमार्टम कराए जाने की मांग की। बाद में गांव निवासी मुच्चू ने बताया कि रात करीब 12 बजे वह राजबहादुर के साथ एक निमंत्रण से होकर लौट रहे थे। 

तभी रास्ते में खेत की तरफ जाते हुए दोषी मस्तराम उर्फ हरगोविंद व आरोपी किशोर के साथ मृतक छोटे को जाते हुए देखा था। बताया कि जब उन लोगों ने पूछा कि इतनी रात को कहां जा रहे हो, तो उन लोगों ने कहा कि बैल खो गए हैं, जिन्हें ढूंढने जा रहे हैं। वहीं मृतक की पत्नी राजपति ने बताया कि उसके सामने उसके पति को घर से ले गए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मृतक के शरीर पर गंभीर चोंटे पाई गई। सात पसलियां भी टूटी पाई गई। 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक की मौत आत्महत्या से नहीं बल्कि हत्या से होने की पुष्टि हुई। मामले में पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्जकर आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया। जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपी किशोर की फाइल किशोर न्याय बोर्ड को स्थानांतरित कर दिया। जबकि मुख्य आरोपी मस्तराम उर्फ हरगोविंद को दोषी करार करते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।

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