शाहजहांपुर में प्रत्याशियों के लिए बड़ी चुनौती बनी दूसरी जीत, हर बार सांसद की कुर्सी पर दिखाई देता है नया चेहरा

बीते 28 साल से रिपीट नहीं हो पाया कोई प्रत्याशी, पहली बार जीतने के बाद लगातार दूसरी बार नहीं जीत पा रहे प्रत्याशी

शाहजहांपुर में प्रत्याशियों के लिए बड़ी चुनौती बनी दूसरी जीत, हर बार सांसद की कुर्सी पर दिखाई देता है नया चेहरा

श्याम मिश्र, शाहजहांपुर। 28 साल से शाहजहांपुर में प्रत्याशियों के लिए लगातार दूसरी जीत चुनौती बनी हुई है। बीते लगभग तीन दशक में कोई भी प्रत्याशी लगातार दो बार जीत कर संसद नहीं पहुंच पाया है। हर बार सांसद की कुर्सी पर एक नया चेहरा देखा जा रहा है। पूरी ताकत लगाने के बाद भी सांसद स्वयं को जीत नहीं दिला पाते हैं और उन्हें हार का मुंह देखना पड़ता है। हर बार शाहजहांपुर का सांसद बदल जाता है। 

साल 1996 में राममूर्ति सिंह वर्मा कांग्रेस के टिकट पर चुनकर संसद पहुंचे थे, लेकिन वह दोबारा सांसद नहीं बन सके। वजह चाहे जो भी रही हो, लेकिन साल 1999 में हुए चुनाव में कांग्रेस के ही जितेंद्र प्रसाद विजयी हुए। राममूर्ति सिंह वर्मा सांसद नहीं बन सके। 2001 में जितेंद्र प्रसाद के निधन के बाद शाहजहांपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ। 2002 में कांग्रेस ने कांताप्रसाद को प्रत्याशी बनाया। सपा ने राममूर्ति सिंह वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा। इस चुनाव में राममूर्ति सिंह वर्मा जीत गए थे। ऐसे में देखें तो पता चलता है कि राममूर्ति सिंह दोबारा सांसद तो बन गए इसी सीट पर, लेकिन लगातार दो बार नहीं बन सके। 

इसी तरह 2004 में पूर्व सांसद जितेंद्र प्रसाद के बेटे जितिन प्रसाद ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और वह सांसद बने। इसके बाद 2009 में सपा ने मिथिलेश कुमार को प्रत्याशी घोषित किया। मिथलेश कुमार चुनाव जीते। 2014 के चुनाव में मोदी लहर में पूर्व मंत्री कृष्णा राज के सिर शाहजहांपुर का ताज सजा, लेकिन अगले चुनाव में कृष्णाराज का टिकट काट दिया गया। इस बार वर्तमान सांसद अरुण कुमार सागर को भाजपा ने टिकट दिया।

2019 में अरुण कुमार सांसद की कुर्सी पर काबिज हुए। अब 2024 के लिए भाजपा ने स्थानीय अरुण कुमार को ही दोबारा से अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि गठबंधन की ओर से बरेली के फरीदपुर निवासी राजेश कश्यप प्रत्याशी हैं। इसी तरह बसपा ने भी शहर के मोहल्ला लोधीपुर निवासी दोदराम वर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है।

प्रत्याशी घोषित फिर भी चर्चाएं जारी...
जिले में भाजपा, सपा-कांग्रेस गठबंधन और बसपा ने अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। भाजपा ने सिटिंग विधायक अरुण कुमार सागर को दोबारा से अपना प्रत्याशी बनाया है। सपा-कांग्रेस गठबंधन ने राजेश कश्यप को प्रत्याशी घोषित किया है। जबकि बसपा ने दोदराम वर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है। सभी पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इसके बाद भी मुख्य मुकाबले में कौन होगा इसकी जगह पर टिकट की रेस से बाहर हुईं एक कद्दावार महिला नेत्री को लेकर ज्यादा चर्चा हो रही है। हालांकि स्थिति पूरी तरह नामांकन के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी। अभी तो सिर्फ चर्चाओं का बाजार गर्म है।

किस साल कौन जीतकर संसद पहुंचा
1996-98/  राममूर्ति सिंह वर्मा/ कांग्रेस/ 150249
1998-99/  सत्यपाल सिंह यादव/ भाजपा/ 208272
1999-2001/  जितेंद्र प्रसाद/ कांग्रेस/ 207167
2001-2004/  राममूर्ति सिंह वर्मा/ सपा/ 151890
2004-2009/  जितिन प्रसाद/ कांग्रेस/ 220763
2009-2014/  मिथिलेश कुमार/ सपा/ 257033
2014-2019/  कृष्णाराज/ भाजपा/ 525132
2019-2024/  अरुण कुमार सागर/ भाजपा/ 688990

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