मुरादाबाद : 46 वर्षों से गुलाम मोहम्मद खान की जीत का रिकॉर्ड कायम

11 चुनाव हो गए, पर अब तक के विजेता भी मो. खान की जीत के अंतर को नहीं दे पाए शिकस्त

मुरादाबाद : 46 वर्षों से गुलाम मोहम्मद खान की जीत का रिकॉर्ड कायम

मुरादाबाद, अमृत विचार। आजादी के बाद 1957 में मुरादाबाद की धरती से पहले सांसद कांग्रेस के राम सरन जरूर बने थे और इन्होंने 37 फीसद मत पाकर 6,356 वोट के अंतर से निर्दलीय उम्मीदवार खलीक अहमद को हरा दिया था। उस पहले चुनाव में राम सरन को कुल 75,992 मिले थे और खलीक अहमद को 69,636 वोट। लेकिन, यदि अब तक के कुल 15 चुनाव की बात करें तो भारतीय लोकदल के गुलाम मोहम्मद खान वह नाम है, जो आज भी अपनी जीत के अंतर के रिकॉर्ड को कायम कर रखे हैं।

आपातकालीन का दौर था। वर्ष 1977 के आम चुनाव में गुलाम मोहम्मद खान ने 65 प्रतिशत वोट पाकर लोक सभा पहुंचे थे। इन्होंने 1,38,851 मतों के अंतर से कांग्रेस के डीएन सिन्हा को हराया था। सिन्हा को केवल 19 प्रतिशत अर्थात कुल 57,797 मत मिले थे। उस दौर में भी चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों का अभाव नहीं रहता था। 1977 के चुनाव में कुल 14 उम्मीदवार थे। कुल मिलाकर गुलाम मोहम्मद खान के बनाए रिकॉर्ड को अब तक 46 वर्ष हो गए हैं। इनके बाद सबसे अधिक 51 प्रतिशत मत पाने वालों में भी अब तक केवल गुलाम मोहम्मद खान और दूसरे स्थान पर डॉ. एसटी हसन रहे हैं। 1989 चुनाव में गुलाम मोहम्मद खान जनता दल से चुनाव लड़े थे और विजेता बने थे। इनके बाद 51 प्रतिशत मत पाने वालों में 2019 के आम चुनाव में सपा के टिकट पर सांसद बने डॉ. एसटी हसन हैं। इस चुनाव में डॉ. एसटी हसन को 6,49,416 मत मिले थे।

सबसे कम मत से विजेता बनने वालों में हाफिज मोहम्मद
1984 के चुनाव में हाफिज मोहम्मद सिद्दीकी मुरादाबाद से सांसद बने थे। लेकिन, वह अब तक कुल चुनावों में सबसे कम मत पाने वाले विजेताओं में हैं। इन्हें 29 फीसद वोट मिला था। वह कांग्रेस के झंडे तले चुनाव लड़कर कुल 1,16,942 मत प्राप्त कर पाए थे और प्रतिद्वंदी को 7,113 मतों के अंतर से पछाड़ दिया था। इन्होंने उस दौर में लोकदल के उम्मीदवार रहे गुलाम मोहम्मद खान को हराया था। गुलाम मोहम्मद को 1,09,829 वोट मिले थे। वैसे 84 के चुनाव में कुल पांच उम्मीदवार थे। इसमें भाजपा के उम्मीदवार दिनेश चंद्र 83,440 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

सपा-कांग्रेस ने जीते हैं चार-चार चुनाव
मुरादाबाद लोक सभा सीट पर सबसे अधिक चुनाव जीतने वालों में दो ही दल हैं। इसमें समाजवादी पार्टी और कांग्रेस हैं। इन दोनों दलों ने यहां से चार-चार चुनाव जीते हैं। भाजपा (पूर्व में भारतीय जनसंघ) ने भी तीन चुनाव जीते हैं। इसी तरह जनता दल ने दो और जनता पार्टी (सेक्युलर) व भारतीय लोक दल ने एक-एक बार विजय पाई है।

43 साल बाद 2014 में भाजपा को मिली थी तीसरी विजय
सर्वेश कुमार सिंह वर्तमान में भाजपा के सांसद प्रत्याशी हैं। वह इससे पहले भी लोक सभा के तीन चुनाव लड़ चुके हैं। इसमें वह दो चुनाव हारे हैं, जबकि 2014 का चुनाव वह जीते थे और सांसद बने। इससे पहले भाजपा (पूर्व में भारतीय जनसंघ) ने लगातार 1967 और फिर 1971 का चुनाव जीता था। 1967 में वीरेंद्र अग्रवाल और 71 में ओपीटी पुरुषार्थी सांसद बने थे। 2009 के चुनाव में पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन ने भाजपा के सर्वेश कुमार सिंह को 49,107 के अंतर से हराया था। मोहम्मद अजहरुद्दीन कांग्रेस के झंडे तले सांसद बने थे। 2014 के निर्वाचन में भाजपा के सांसद प्रत्याशी रहे सर्वेश सिंह ने सपा के डॉ. एसटी हसन को चुनावी अखाड़े में 87,504 के अंतर से पछाड़ दिया था।

विजेताओं को मिले मत और जीत का अंतर
चुनाव वर्ष  विजेता - दल - मिले वोट - जीत अंतर - मत प्रतिशत
2019 -डॉ. एसटी हसन- सपा - 6,49,416 - 97,878 - 51
2014- सर्वेश कुमार - भाजपा - 4,85,224 - 87,504 - 43
2009- मो. अजहरुद्दीन - कांग्रेस - 3,01,283 - 49,107 - 40
2004- डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क- सपा - 2,18,079 - 35840 - 33
1999 - चंद्र विजय सिंह उर्फ बेबी राजा - कांग्रेस- 2,53,321 - 96,450 - 40
1998 -डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क- सपा - 2,89,484 - 36481 - 40
1996-डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क- सपा - 2,42,030 - 1,885 - 38
1991- गुलाम मोहम्मद खान - जनता दल- 2,01,739 - 13,978 - 41
1989 - गुलाम मोहम्मद खान - जनता दल - 2,45,760 - 81,917 - 51
1984 - हाफिज मोहम्मद सिद्दीकी - कांग्रेस -1,16,942 - 7,113 - 29
1980 - गुलाम मोहम्मद खान -जनता पार्टी (सेक्युलर)- 1,03,291 - 10,467 - 34
1977 - गुलाम मोहम्मद खान -लोक दल -1,96,648 - 13,8851 -65
1971 - वीरेंद्र अग्रवाल- भारतीय जनसंघ- 83,077 - 21,428 - 35
1967- ओपीटी पुरुषार्थी-भारतीय जनसंघ- 78,497 - 27,305 - 30
1957- राम सरन -कांग्रेस - 75,992 - 6,356 - 37

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