पीलीभीत की प्रियंका को मिली सफलता, यूपीएससी में हासिल की 385वीं रैंक

पीलीभीत की प्रियंका को मिली सफलता, यूपीएससी में हासिल की 385वीं रैंक

पीलीभीत, अमृत विचार: यूपीएससी सिविल परीक्षा 2023 का परिणाम मंगलवार को जारी किया गया। जिसमें शहर की रहने वाली प्रियंका यादव ने सफलता हासिल की है। उन्होंने  यूपीएसई की परीक्षा में 385 रैंक हासिल की है। बेटी की कामयाबी का पता चलते ही परिवार में उत्साह का ठिकाना नहीं रहा। 

बेटी समेत परिवार के  लोगों को परिचित घर पहुंचकर बधाई दे रहे हैं। ये देख पिता के खुशी से आंसू छलक आए। उन्होंने कहा कि बेटी की तीन साल की मेहनत रंग लाई है। परिवार का कहना है कि जिले में पहली बार कोई बेटी कामयाबी की सीढ़ी चढ़ी हैं। उन्हें प्रियंका पर गर्व है।  

शहर की राजीव कॉलोनी निवासी प्रियंका यादव के पिता जवाहर सिंह यादव जिला वालीबाल संघ के उपाध्यक्ष हैं। माता का नाम सरोज यादव हैं। उन्होंने बताया कि प्रियंका शुरुआत से ही मेधावी रही हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लायंस बाल विद्या मंदिर स्कूल से पूरी की है।  वर्ष 2013 में प्रियंका ने कक्षा दस उत्तीर्ण किया था। जिसमें वह टॉपर रही थी।  

इसके बाद वर्ष 2015 में 12वीं की परीक्षा में 93 प्रतिशत अंकों के साथ जिले में दूसरा स्थान प्राप्त किया था। इसके बाद वह इंजीनियरिंग की तैयारी करने के लिए कोटा चली गई। यहां से प्रियंका यादव ने बुंदेलखंड इंजीनियरिंग कॉलेज झांसी से आईटी ब्रांच में बीटेक ऑनर्स किया। वहां पर भी यह टॉपर रहीं। प्रियंका फिर यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चली गई। परिवार वालों के अनुसार प्रियंका ने सेल्फ स्टीड के दम पर तैयारी शुरु की। इससे पहले दो बार परीक्षा देने पर उन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी थी। एक और दो नंबर से रह गई। 

लेकिन उनका हौसला नहीं टूटा। प्रियंका लगातार दिल्ली में रहकर तैयारी में जुटी रही। यूपीएससी 2023 परीक्षा में एक बार में ही प्री  और मेंस को क्वालीफाई कर 385वीं रैंक हासिल की। प्रियंका दो भाइयों की इकलौती बहन हैं। प्रियंका के एक भाई शिवेंद्र सिंह यादव पेशे से अधिवक्ता है। दूसरे  रजत सिंह यादव बरेली से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं।  बेटी की इस कामयाबी पर परिवार वाले खुशी से फूले नहीं समां रहे हैं। हालांकि प्रियंका घर नहीं आ सकी है। मगर उनकी कामयाबी पर परिवार वालों को लोग बधाई देने पहुंच रहे हैं।

तीन साल में सिर्फ एक बार घर आई प्रिंयका
पिता जवाहर यादव बताते हैं कि प्रियंका ने आईएएस बनने का पढा़ई के शुरुआती दौर में ठाना था। कक्षा 10 में टॉपर आने पर उन्होंने खुद को आईएएस बनाने की बात कही थी। जिसके सपने संजोकर वह दिन रात तैयारियों में जुटी रही।

लगातार तीन साल प्रियंका दिल्ली के लक्ष्मी नगर में रहकर अपनी तैयारी कर रही थी। वह अपना घर रिश्तेदार सब भूल चुकी थी। सिर्फ आईएएस के टारगेट को पूरा करने में जुटी हुई थी। वह तीन साल में मात्र एक बार घर आई। जिसमें देर रात घर रुकने के बाद अपने शैक्षिक प्रमाण पत्र लेकर अगले ही दिन वापस लौट गई।

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