लखनऊ: लिवर रोग में खतरनाक है उपवास, अधिक बार खाने से ठीक रहेगी सेहत

लखनऊ: लिवर रोग में खतरनाक है उपवास, अधिक बार खाने से ठीक रहेगी सेहत

लखनऊ, अमृत विचार। यकृत यानी की लिवर की बीमारी की समस्या विश्व स्तर पर तेजी से बढ़ रही है।लिवर रोगों की बढ़ती समस्या, इसके कारणों और इनसे बचाव के तरीकों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 19 अप्रैल को विश्व लिवर दिवस मनाया जाता है। इसी के चलते राजधानी स्थित एसजीपीजीआई के हेपेटोलॉजी विभाग में शनिवार को 'विश्व लिवर दिवस' मनाया और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए लिवर रोगों के बढ़ते बोझ के बारे में ज्ञान और जागरूकता बढ़ाने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

कार्यशाला का उद्घाटन एसजीपीजीआई के निदेशक और हेपेटोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डाक्टर आरके धीमन, प्रोफेसर अमित गोयल ने किया।  इस सेमिनार में संस्थान के 100 से अधिक नर्सिंग छात्रों और नर्सिंग स्टाफ, संकाय और स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया।

डॉ.आरके धीमन ने बताया कि लिवर की बीमारियां आमतौर पर शराब, वायरल हेपेटाइटिस और फैटी लिवर के कारण होती हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में फैटी लीवर रोग एक महामारी की समस्या है और यह उतना ही खतरनाक है जितना कि कोविड महामारी थी। उन्होंने बताया कि दोनों स्थितियों के बीच एकमात्र अंतर यह है कि कोविड महामारी एक महीने की अवधि में हुई जबकि फैटी लिवर महामारी दशकों से हो रही है।

उन्होंने विशेष रूप से लिवर की बीमारियों का शीघ्र पता लगाने पर जोर दिया ताकि सिरोसिस और लिवर कैंसर को बढ़ने से रोका जा सके। प्रोफेसर गोयल ने लिवर रोग की रोकथाम और प्रबंधन में स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका के बारे में बात की। संस्थान के मुख्य नर्सिंग अधिकारी ने वायरल हेपेटाइटिस, फैटी लिवर रोग और लिवर सिरोसिस जैसी पुरानी बीमारियों की रोकथाम और प्रबंधन में स्वास्थ्य कार्यकर्ता की बढ़ती भूमिका पर जोर दिया।

संस्थान  के हेपेटोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार ने कहा कि हमारे समाज में शराब का लगातार बढ़ रहा है। इसके सेवन से कई प्रकार के लिवर रोग होते हैं। हेपेटोलॉजी के सहायक प्रोफेसर डॉ. सुरेंद्र सिंह ने फैटी लिवर रोग और इसके परिणामों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि फैटी लिवर का मुख्य कारण गतिहीन जीवनशैली, जंक फूड खाना और लोगों में व्यायाम और खेल गतिविधियों की कमी है। इस बात पर भी जोर दिया गया कि वजन कम करना और व्यायाम करना फैटी लिवर रोग के लिए सबसे प्रभावी उपचार है। शरीर के वजन का 5% वजन घटाने से फैटी लिवर को ठीक किया जा सकता है। अगर हम अपने वजन का 10% भी कम कर सकते हैं तो लिवर की चोट और लिवर फाइब्रोसिस को भी ठीक किया जा सकता है।

संस्थान की वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ मिस अर्चना ने दर्शकों को लिवर रोग से पीड़ित रोगी के लिए आहार और पोषण के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सिरोसिस के रोगियों को अपने आहार में नमक का सेवन सीमित करना चाहिए और अपने आहार में प्रोटीन का सेवन बढ़ाना चाहिए। इन रोगियों को अधिक बार आहार लेने की आवश्यकता होती है जिसमें सब्जियों, फलों और मांसाहारी आहार का अच्छा मिश्रण होना चाहिए। सिरोसिस के रोगी के लिए रात भर का उपवास उतना ही हानिकारक है जितना एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति के लिए तीन दिन का उपवास। इसलिए, सिरोसिस के रोगियों को उपवास से बचना चाहिए और अधिक बार खाना चाहिए।

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