बरेली: राजनीतिक संरक्षण और अफसरों की मेहरबानी से खुलेआम हो रहा अवैध खनन
बरेली, अमृत विचार। रामगंगा नदी के आसपास अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है। खनन माफिया, सफेदपोशों और अफसरशाही का गठजोड़ सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये के राजस्व की चपत लगा रहा है। सुबह से लेकर रात तक सैकड़ों ट्रैक्टरों के माध्यम से अवैध खनन का माल खपाया जा रहा है। कहीं रेत तो कहीं …
बरेली, अमृत विचार। रामगंगा नदी के आसपास अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है। खनन माफिया, सफेदपोशों और अफसरशाही का गठजोड़ सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये के राजस्व की चपत लगा रहा है। सुबह से लेकर रात तक सैकड़ों ट्रैक्टरों के माध्यम से अवैध खनन का माल खपाया जा रहा है। कहीं रेत तो कहीं मिट्टी का खनन अवैध रूप से किया जा रहा है। हर ट्रैक्टर वाले से खादी, खाकी और संबंधित विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी अवैध वसूली कर रहे हैं। यही वजह है कि अवैध खनन का कारोबार बेरोक-टोक चल रहा है।
शहर में रामगंगा, बिथरी, बीसलपुर रोड समेत कई जगहों पर अवैध खनन हो रहा है। इसमें सत्ता पक्ष के भी कई लोग भी संलिप्त बताए जाते हैं। रामगंगा नदी के किनारे, बभिया, मिर्जापुर के पास 24 घंटे अवैध खनन होता है। इसकी कोई परमिशन विभाग से नहीं ली गई है। राजनीतिक संरक्षण और अधिकारियों की मेहरबानी से अवैध खनन खुलेआम किया जा रहा है।
चौकी से लेकर थानों तक महीना पहुंचाया जाता है। बेईमानी न हो सके इसलिए सुबह से ही चौराहों पर खड़े होमगार्ड और पीआरडी जवान ट्रॉलियों पर नजर रखते हैं। जैसे ही कोई नई ट्राली वाला आता है तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की बात कहते हुए वसूली कर ली जाती है। बीट सिपाही, चौकी इंचार्ज, इंस्पेक्टर समेत पीआरवी तक को महीना दिया जाता है।
यहां होता है खनन
रामगंगा, पालपुर कमलापुर, बभिया, चौबारी, तय्यतपुर, पुर्नापुर, भगवंतापुर धीमरी समेत इज्जतनगर के कई अन्य गांव।
नौ हजार रुपये महीना लेती है पुलिस
दिन रात अवैध खनन की ट्रालियां दौड़ाने वाले ट्रैक्टर मालिक पुलिस को नौ हजार रुपये महीना देते हैं। इसमें बीट सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक का हिस्सा होता है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह पैसा और ऊपर तक जाता है।
सब खर्चों के बाद बचते हैं 22 से 25 हजार रुपये
एक ट्रैक्टर चालक ने बताया कि हर माह सबका खर्च निकालने के बाद एक ट्रैक्टर चालक महीने में 22 से 25 हजार रुपये कमा लेता है। सफेदपोश नेता तो हर महीने लाखों रुपये सिर्फ खनन से ही कमा लेते हैं।
“पुलिस को अवैध खनन रोकने का कोई अधिकार नहीं है लेकिन अगर पुलिस पैसा ले रही है तो यह गलत है। इस मामले की जांच कराई जाएगी। यदि दरोगाओं या पीआरवी कर्मियों का नाम वसूली में आता है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।”–रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी
