Unnao: मच्छरों की भरमार, बाशिंदों को फॉगिंग की दरकार; निष्प्रभावी साबित हो रहा एंटी लार्वा रसायन

Unnao: मच्छरों की भरमार, बाशिंदों को फॉगिंग की दरकार; निष्प्रभावी साबित हो रहा एंटी लार्वा रसायन

उन्नाव, अमृत विचार। विश्व मलेरिया दिवस पर भी नगर पालिका परिषद की ओर से मच्छरों की रोकथाम के उपाय नहीं किये जा सके। पालिका की ओर से इस्तेमाल किया जा रहा एंटी लार्वा रसायन मच्छरों का प्रकोप नहीं रोक पा रहा है। वहीं फागिंग कराना पालिका प्रशासन को रास नहीं आता है, जिससे लोगों की रातों की नींद व दिन का चैन हराम रहता है।

बता दें उन्नाव शहर में कई कच्चे सहित कुछ पक्के तालाब हैं। इसके अलावा खाली पड़े प्लाटों में भी नाले-नालियों का पानी भरा रहता है। वहीं तमाम गलियों में नाले-नालियों का पानी उफनाकर भर जाता है। यही नहीं नालों की सफाई पर जोर न दिये जाने से बहाव अवरुद्ध रहता है। इसीलिये संबंधित स्थानों का ठहरा हुआ गंदा पानी मच्छरों की शरण स्थली बनते हैं, जिससे रात में ही नहीं दिन के समय भी लोगों को मच्छरों से निजात नहीं मिल पाती है। 

पालिका के सफाई कर्मी अक्सर किसी किसी मोहल्ले की नालियों में एंटी लार्वा रसायन का छिड़काव करते दिखते हैं, लेकिन इससे मच्छरों की संख्या में कमी नहीं आ पाती है। मैलाथियान से फांगिंग कराने पर मच्छरों का प्रकोप कुछ कम होता है, लेकिन पालिका को फागिंग कराना रास नहीं आता। 

यह बात दूसरी है कि अफसर कालोनी सहित कुछ अन्य वीआईपी कहे जाने वाले क्षेत्रों में फागिंग करायी जाती रहती है। हालांकि पालिका की सेनेट्री इंस्पेक्टर रश्मि पुष्कर ने इस आरोप को नकारते हुये दावा किया कि रसायन की उपलब्धता के आधार पर शहर के तमाम मोहल्लों में फागिंग करायी जाती रहती है।

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