मुरादाबाद  : कोतवाली पुलिस संग एसओजी भी खोज रही डिवाइस व लुटेरे, प्रभारी निरीक्षक बोलीं- छानी सड़क, देखे फुटेज पर कोई साक्ष्य नहीं मिला

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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मुरादाबाद, अमृत विचार। मंगलवार दोपहर में सरेराह बच्चे के कान से कॉक्लियर इंप्लांट डिवाइस छीने जाने के मामले में पुलिस दूसरे दिन भी खाली हाथ रही। यह घटना रेलवे स्टेशन के गेट नंबर दो व तीन के बीच मार्ग पर हुई थी। पुलिस ने बच्चे की मां की तरफ से गुमशुदगी का मामला दर्ज कर रखा है। उधर, एसएसपी हेमराज मीना ने मामले को गंभीरता से लिया है और घटना के जल्द खुलासे के लिए कोतवाली पुलिस के साथ ही एसओजी टीम को भी लगाया है।

बुधवार शाम नगर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक ऊषा मलिक ने बताया कि इसी मामले की जांच में पूरा दिन निकल गया है। पूरी सड़क छान डाले हैं। होटल और नगर निगम के लगे एक-एक कैमरे के फुटेज को जांचा है। कोई साक्ष्य नहीं मिला है। रेलवे स्टेशन के गेट-दो व तीन के बीच मार्ग पर इतनी अधिक भीड़ रहती है कि पैदल निकलना मुश्किल रहता है। फिर भी वहां कोई घटना हो और किसी को कानो-कान खबर न लगे, ये बात संदेह उत्पन्न करती है। ठेले वालों ने प्रभारी निरीक्षक से कहा कि यदि ऐसी कोई घटना होती तो शोर-शराबा होता। 

प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि उन्होंने बच्चे की मां कुसुमलता से पूछा था तो उन्होंने बताया है कि झपट्टा मारने वाला कौन था, यह उन्होंने नहीं देखा है। कुसुमलता अपने बेटे राघव राजपूत (6) जिस ऑटो पर सवार थीं, उसके बारे में भी वह कुछ नहीं बता पा रही हैं। इतना जरूर कहा है कि ऑटो पीले रंग का था, उस पर नंबर-दो अंकित था। प्रभारी निरीक्षक ने यह भी बताया कि कुसुमलता ने उन्हें बताया है कि उन्होंने ऑटो वाले से कहा था कि बच्चे के कान की मशीन कहीं गिर गई है, रुको हम खोज लें।

ऑटो भी नहीं हो पाया ट्रेस
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक ऊषा मलिक ने बताया कि बच्चे के कान में कॉक्लियर इंप्लांट डिवाइस लगी ही नहीं थी। साउंड प्रोसेसर का मामला है, जो उसके कान के पीछे लगा था। उन्होंने बताया कि कुसुमलता को भी फुटेज दिखवाए हैं और उनसे ऑटो पहचानने को कहा लेकिन, वह पहचान ही नहीं सकीं। फिलहाल, जिस ऑटो पर कुसुमलता बेटे के साथ सवार थीं, उसे पुलिस अभी तक ट्रेस नहीं कर पाई है।

एडीआईपी योजना में लगी थी कॉक्लियर इंप्लांट
पीतलनगरी कमला विहार निवासी कुसुमलता के पति नकुल सिंह अधिवक्ता हैं। वह मंगलवार को अपने बेटे को लेकर वह टीएमयू में उसकी स्पीच थेरेपी की क्लास कराने जा रही थीं। उसी दौरान घटना हुई। उन्होंने बताया, अगस्त 2023 में उनके बेटे को दिल्ली रोड पाकबड़ा स्थित टीएमयू अस्पताल में उसकी कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी हुई थी। इसमें उसके कान में कॉक्लियर इंप्लांट डिवाइस लगाई गई थी। सर्जरी के बाद भी बच्चे को निश्चित समय पर टीएमयू में थेरेपी दी जाती है। केंद्र सरकार के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग डिसेबिलिटीज की एडीआईपी (विकलांग व्यक्तियों को सहायक उपकरण और उपकरण की खरीद/फिटिंग के लिए सहायता) योजना के तहत उनके बेटे को सर्जरी हुई थी।

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