Kanpur Dehat: बीएसएफ ASI का शव गांव में पहुंचते ही मचा कोहराम; 110 बटालियन से आए जवानों ने दी अंतिम सलामी
कानपुर देहात (रूरा), अमृत विचार। त्रिपुरा में डयूटी के दौरान बीएसएफ के एएसआई की हार्ट अटैक से मौत के बाद गुरुवार को पार्थिव शरीर मक्कापुरवा पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। 110 बटालियन से आए जवानों ने शोक जताते हुए अंतिम सलामी दी।
मक्कापुरवा गांव निवासी महेश यादव (50) सीमा सुरक्षा बल में चर्ष 1990 में भर्ती हुए थे। मौजूदा समय में उनकी चिपुरा में 139वीं बटालियन में एएसआई पैद पर तैनाती थी। बीते सोमवार की शाम को त्रिपुरा में उनकी ह्दय गति रुकने से अचानक मौत हो गई। वह बीती 17 अप्रैल को छुट्टी से वापस ड्यूटी पर त्रिपुरा गए थे। सोमवार रात में बीएसएफ अधिकारियों ने फोन से घटना की जानकारी परिजनों को दी थी।
जिसके बाद परिजन परिजन रवाना हो गए थे। गुरुवार को महेश यादव का शव गांव पहुंचा तो परिजनों में कोहराम मच गया और उनकी पत्नी सीमा, बेटा उज्जवल, बेटी सुमति समेत अन्य का रो-रोकर बुरा हाल रहा। वहीं बीएसएफ एएसआई के अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भारी भीड़ रही। वहीं असिस्टेंट कमांडेंट अंकित महेश्वरी की अगुआई में आए 110 बटालियन के जवानों ने अंतिम सलामी दी।
इसके बाद उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। असिस्टेंट कमांडेंट ने बीएसएफ की तरफ से एएसआई की पत्नी को एक लाख रुपये नगद क्रिया कर्म के लिए दिए। इस मौके पर रूरा थानाध्यक्ष एसएन सिंह, कर्ण सिंह, विनोद सिंह, विवेक, नायब तहसीलदार डेरापुर जमील अहमद, कमलेश, बब्बन यादव, सतेंद्र भदौरिया आदि लोग मौजूद रहे।
अंतिम संस्कार की जगह चिंहित न होने से घंटों रखा रहा शव
एएसआई महेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए राजस्व अधिकारी घंटों जमीन तलाश नहीं पाए। जिसके चलते घंटो चिलचिलाती धूप में बीएसएफ जवान, पुलिस कर्मी व अंतिम दर्शन को आए लोग खड़े रहे। जबकि मौत की सूचना पहले से ही प्रशासन को दे दी गई थी।
राजस्व अधिकारियों की अनदेखी पर एएसआई पुत्र उज्ज्वल ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिता की 29 अप्रैल को होने की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई थी। इसके बावजूद लापरवाही की गई है। जिस कारण लगभग तीन घंटे शव रखा रहा। लंबी कवायद के बाद गांव किनारे एक बिस्वा जमीन दी गई है।