अयोध्या: दो समितियों ने डेढ़ माह में खरीदा सिर्फ 304 कुंतल गेहूँ

बड़े क्रय केन्द्र कटरौली को बंद करना पड़ रहा है महंगा

अयोध्या: दो समितियों ने डेढ़ माह में खरीदा सिर्फ 304 कुंतल गेहूँ

सोहावल/ अयोध्या, अमृत विचार। विपणन शाखा के इकलौते बड़े क्रय केंद्र कटरौली को समाप्त कर नवीन मंडी में स्थापित किए जाने का सरकारी फैसला किसानों के साथ सरकारी खरीद पर भी भारी पड़ रहा है। अब तक हर वर्ष बिक्री करने वाले क्षेत्रीय किसानों के लिए अपना गेहूं नवीन मंडी क्रय केंद्र तक ले जा पाना घाटे का सौदा बन गया है। एक तो सरकारी मूल्य में कमी दूसरे परिवहन में बढ़ा खर्च दोनों ने सोहावल के किसानों को क्रय केंद्रों पर अपना गेंहू बेचने की जगह निजी आढ़तियों की ओर ले जाने पर मजबूर कर दिया है। जिसका नतीजा है कि यहां बनाए गए पीसीएफ के दो क्रय केंद्रों पर हुई खरीद भी लगभग ठप है। पिछले डेढ़ माह में लक्ष्य 2 हजार कुंतल के सापेक्ष कुल खरीद 304 कुंतल के आसपास ही हो पाई है।
   
गत वर्षो में सहकारी समितियों में शामिल हाजीपुर बरसेंडी और खिरौनी दोनों को सरकारी क्रय केंद्र बनाकर खरीद का जिम्मा सौंपा गया था। इसमें तीसरा और बड़ा क्रय केंद्र विपरण शाखा का कटरौली था जहां से 450 से ज्यादा किसान अपना रजिस्ट्रेशन करा कर धान और गेहूं बेचते आए हैं। जितनी खरीद दोनों समितियों से होती थी। उससे दुगना खरीद कटरौली क्रय केंद्र से किसान जुड़कर बिक्री करते थे। किसानों का आरोप है कुछ निजी व्यवसायियों के दबाव में इस वर्ष  कटरौली क्रय केंद्र को हटाकर जिला प्रशासन ने लगभग 15 किलोमीटर दूर नवीन मंडी में स्थापित कर दिया। इससे अब बिक्री करने वाले किसानों का मोह सरकारी क्रय केंद्रों से बिल्कुल हट गया। उन्होंने निजी दुकानदारों, आढतों पर अपना गेहूं भेजना ज्यादा हितकर समझ लिया है। किसान ओपी सिंह , राम गनेश वर्मा, राम सिंह मंगलसी, संजय चौबे लहरापुर आदि कहते हैं इस बार सरकारी मूल्य 2270 रु प्रति कुंतल से  ज्यादा निजी दुकानदारों के यहां मूल्य मिल रहा है। नए  क्रय केंद्र नवीन मंडी तक गेहूं लाने ले जाने का खर्च अतिरिक्त बढ़ जाने से सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचना घाटे का सौदा है।
 
वर्जन - 
सरकार ने सीडीएस के गोदामों को अपना गोदाम बनाना खत्म कर दिया। सोहावल में और कोई गोदाम विभाग का नही मिला इसलिए कटरौली क्रय केंद्र हटाना पड़ा। खरीद पर असर पड़ा है।  खरीद कम होने का एक कारण सरकारी मूल्य कम होना भी है। किसानों के दरवाजे से खरीद करने की व्यवस्था बनाई है। -दीपक सिंह तोमर,  सहायक विपणन अधिकारी, विपणन विभाग

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