पीलीभीत: मेडिकल कॉलेज में लापरवाही के बाद कार्रवाई की शुरुआत, एक डॉक्टर निलंबित...चार अन्य को मिली चेतावनी

पीलीभीत: मेडिकल कॉलेज में लापरवाही के बाद कार्रवाई की शुरुआत, एक डॉक्टर निलंबित...चार अन्य को मिली चेतावनी

पीलीभीत, अमृत विचार। लापरवाही को लेकर सुर्खियों में आए मेडिकल कॉलेज में शासन की  सख्ती के बाद बेलगाम स्टाफ के ऊपर शिकंजा कसना  शुरू कर दिया गया है। पांच दिन पहले मेडिकल कॉलेज की एमसीएच विंग से बिना चेकअप के ही प्राइवेट अस्पताल में रेफर की गई प्रसूता और गर्भ में पल रहे सात माह के बच्चे की मौत के मामले में कार्रवाई की गई है। 

जांच कमेटी की ओर से नाइट ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ को दोषी माना गया। जिसके आधार पर प्राचार्य ने डॉक्टर को निलंबित कर दिया है। जबकि स्टाफ को अंतिम चेतावनी दी गई है। डॉक्टर पर हुई कार्रवाई के बाद हड़कंप मच गया है।

मामला रविवार रात करीब दस बजे का है। शहर से सटे गांव  अलीगंज की रहने वाली सात माह की गर्भवती पूनम बेहोशी की हालत में ई-रिक्शा से मेडिकल कॉलेज पहुंची थी। ई-रिक्शा पर सवार गर्भवती व उसके परिजन महिला अस्पताल के गेट पर खड़े रहे लेकिन न ही उन्हें स्ट्रेचर नसीब हुआ, और न ही किसी चिकित्सक का परामर्श। बेहोश गर्भवती को देखे बिना ही एक चिकित्सक ने कहीं और ले जाने की सलाह दे डाली। 

डॉक्टर ने आईसीयू की सुविधा न होने के कारण मरीज का इलाज करने में असमर्थता जताई। अस्पताल गेट पर मौजूद एक आउटसोर्सिंग कर्मी ने मरीज को  एक निजी अस्पताल का नाम बताकर वहां ले जाने को कह दिया था। परिजन बेहोशी की हालत में ई-रिक्शा से ही सात माह की गर्भवती को माधोटांडा रेलवे क्रासिंग के निकट एक हॉस्पिटल ले गए। मगर उसे वहां भी इलाज नहीं मिल सका।  परिजन बेहोशी की हालत में ही रात घर ले गए। पूरी रात घर पर बेहोश पड़ी रही।  

गर्भवती को परिजनों ने दूसरे दिन सोमवार सुबह शहर के एक अन्य निजी अस्पताल में भर्ती  कराया।  बुधवार को इलाज के दौरान गर्भवती को रेफर कर दिया गया। इसके तुरंत बाद गर्भ में पल रहे बच्चे सहित गर्भवती की मौत हो गई थी। महिला और बच्चे की मौत होने के मामले में डीएम संजय कुमार सिंह ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे। मगर हीला हवाली के चलते कोई एक्शन नहीं लिया गया। 

महिला की मौत का मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और जमकर फजीहत होने लगी। जिसके बाद अब कार्रवाई की गई है। प्राचार्य डॉ. संगीता अनेजा के अनुसार घटना वाले दिन जब महिला अस्पताल आई थी, तो वह डॉक्टर से नहीं मिली। आउटसोर्स स्टाफ से मिलकर चली गई। 

जब स्टाफ ने डॉक्टर को जानकारी दी। तो उन्हें खुद मरीज को देखने के बजाए स्टाफ पर छोड़ दिया। जोकि लापरवाही में आता है। ड्यूटी पर उस दिन डॉक्टर वैशाली मौजूद थी।  इसलिए उन्हें निलंबित कर दिया गया है। जबकि स्टाफ नर्स को चेतावनी दी गई है। साथ ही आउटसोर्स स्टाफ की लापरवाही को लेकर कार्यदाई संस्था अवनी पार्धी को पत्र लिखकर करवाई के लिए कहा है।

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