रुद्रपुर: दारु-मुर्गा पार्टी में खलल डालने पर चढ़ा सिपाहियों का पारा, चौकी प्रभारी के नदारद रहने पर हुए बेलगाम

रुद्रपुर: दारु-मुर्गा पार्टी में खलल डालने पर चढ़ा सिपाहियों का पारा, चौकी प्रभारी के नदारद रहने पर हुए बेलगाम

रुद्रपुर, अमृत विचार। पतरामपुर चौकी प्रभारी के अलावा तीन सिपाहियों पर गिरी निलंबन की कार्रवाई की गाज की वजह दारु-मुर्गा पार्टी में खलल डालना माना जा रहा है। जहां चौकी प्रभारी के नदारद रहने के बाद चौकी के सिपाही बेलगाम हो चुके थे। वहीं दोस्तों के साथ पार्टी के दौरान झगड़े की सूचना ने सिपाहियों का पारा चढ़ दिया। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में हर निलंबित सिपाही पर उसके दोष का जिक्र किया गया है।

कार्रवाई का विवरण बताते हुए एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने माना कि पतरामपुर चौकी प्रभारी के नदारद रहने पर चौकी में तैनात सिपाही बेलगाम हो चुके थे। यही कारण है कि गुरुवार की रात दो बाहरी, बाजपुर दोराहे में तैनात सम्मन तामील सिपाही सुभाष चौधरी, निगरानी मुंशी अनिल कुमार और मुख्य आरोपी सिपाही सचिन कुमार ने चौकी की बैरिक में दारु-मुर्गा पार्टी का आयोजन किया। जब दो पक्षों में झगड़े की सूचना मिली तो सिपाही सचिन का पारा चढ़ गया। जब हिरासत में लिए गए आरोपी पक्ष की पैरवी में संभ्रांत लोग चौकी पहुंचे तो पार्टी में खलल डालने पर वहां मौजूद चौकी के सिपाही सचिन सहित अन्य सिपाहियों का पारा चढ़ गया।

इस दौरान उन्होंने अपना आपा खोते हुए संभ्रांत नागरिकों से अभद्रता व हाथापाई की। जो कि पुलिस अनुशासन नियमावली में असंवैधानिक है। प्रारंभिक जांच में यह भी तय किया गया कि सिपाही सचिन शराब के नशे में धुत था। निगरानी मुंशी ने बिना पिए अपनी दायित्वों का निर्वहन नहीं किया और सम्मन तामील सिपाही सुभाष ने ड्यूटी व नियम में लापरवाही की। यह भी माना कि यदि चौकी प्रभारी मौजूद रहते तो शायद यह विवाद नहीं होता। यही कारण है कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में चौकी प्रभारी सहित हर निलंबित सिपाही पर आरोप तय किए गये हैं। जिसके आधार पर सभी पर कार्रवाई की गई है।

मामला बिगड़ते ही भाग खड़े हुए सिपाही

पतरामपुर चौकी में नशे में धुत सिपाहियों ने पैरवी को आए संभ्रांत नागरिकों पर पुलिसिया रौब दिखाते हुए अभद्रता व हाथापाई की। उस वक्त उन्हें यह एहसास नहीं हुआ होगा कि उनकी यह रौब निलंबन की कार्रवाई में तब्दील हो जाएगी। बताया जा रहा है कि संभ्रांत नागरिकों द्वारा घटना की सूचना आला अधिकारियों को दी। उसके बाद जैसे ही जसपुर कोतवाल हरेंद्र चौधरी व एसएसआई चौकी पहुंचे और प्रकरण की जांच करने लगे तो पार्टी व अभद्रता में शामिल अन्य सिपाही भाग खड़े हुए और मौके पर पकड़े गए सिपाही सचिन कुमार का मेडिकल परीक्षण कराया। जिसमें अत्याधिक शराब पीने की पुष्टि हुई है। इसके बाद ही एसएसपी ने सभी पर आरोप तय करते हुए निलंबन की कार्रवाई कर डाली।

प्रशिक्षण की आड़ में गायब हुए प्रभारी

आईपीसी में हुए बदलाव को लेकर पुलिस लाइन में चल रहे प्रशिक्षण की आड़ में पतरामपुर चौकी प्रभारी संदीप शर्मा पर नदारद रहने का आरोप लगा। एसपी काशीपुर अभय प्रताप सिंह का कहना था कि प्रशिक्षण में सभी आला अधिकारियों के अलावा दरोगा जा रहे हैं। शाम पांच बजे के बाद सभी अपने-अपने तैनाती स्थल में पहुंचकर दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं, लेकिन पतरामपुर चौकी प्रभारी पिछले तीन दिनों से नदारद है और इसकी सूचना किसी भी आला अधिकारी को नहीं दी। जिसकी वजह से चौकी प्रभारी विहीन हो गई। बिना जानकारी दिए ड्यूटी से नदारद रहना गलत है।

बाजपुर दोराहा चौकी प्रभारी को लगाई लताड़

पुलिस कार्यालय में कार्रवाई की जानकारी देने के बाद गुस्साए कप्तान ने अचानक बाजपुर दोराहा चौकी प्रभारी सुरेंद्र बिष्ट को फोन लगाकर जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि जब एक चौकी प्रभारी को चौकी में तैनात आठ सिपाहियों का कोई होश नहीं तो वह प्रभारी चौकी प्रभारी लायक नहीं, जबकि सम्मन तामील सिपाही सुभाष की रवानगी और आमद करवाने की जानकारी प्रभारी को होनी चाहिए। उन्होंने लताड़ लगाते हुए कहा कि दूरस्थ चौकी में सिपाही बेलगाम हो रहे हैं। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

हर चौकी के कार्यों की होगी समीक्षा

पतरामपुर चौकी प्रकरण के बाद एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने सभी अधीनस्थों को आदेशित किया है कि संबंधित एसपी सिटी, सीओ, कोतवाल अपनी-अपनी थाना-चौकी के कार्यों की समीक्षा करें। जिसमें चौकी प्रभारी के आने का समय, सिपाहियों को आमद व रवानगी के अलावा आगन्तुक आवाजाही का रजिस्टर भी बनाया जाए। जिसके बाद हर चौकी प्रभारी व सिपाही की जिम्मेदारी तय की जाएगी। प्रत्येक सप्ताह में रिपोर्ट की समीक्षा के आधार पर कार्रवाई और प्रोत्साहन दिया जाएगा।

शाम ढलते ही महफिल में बदल जाती चौकी

गुरुवार की रात्रि पतरामपुर चौकी पुलिस में हुए बवाल के बाद शिकायतकर्ता ने अधिकारियों को बताया था कि पुलिस कर्मियों द्वारा अभद्रता व हाथापाई से पहले भी शाम ढलते ही चौकी में महफिल सजने लगती है। जिसमें विभागीय कर्मचारियों के अलावा बाहरी व्यक्ति भी पार्टी में शामिल होते हैं। अभद्रता के दौरान भी सिपाहियों के साथ हाथापाई की घटना से पहले दारु-मुर्गा पार्टी में बाहर के व्यक्ति भी शामिल थे, जबकि चौकी की बैरग में बाहरी व्यक्तियों के साथ शराब पार्टी करना पुलिस नियम के खिलाफ है।

तहरीर आने पर हो सकता है मुकदमा दर्ज

एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने काशीपुर एसपी अभय प्रताप सिंह को आदेशित किया कि प्रकरण को लेकर जांच रिपोर्ट में अभद्रता व हाथापाई के पीड़ित लोगों के बयान भी दर्ज किए जाएं। यदि कोई भी व्यक्ति आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ शिकायती पत्र देता है तो मुकदमा पंजीकृत किया जाए। वहीं यदि कोई कार्रवाई नहीं चाहता है तो उसके शपथ पत्र को जांच रिपोर्ट में प्रेषित किया जाएगा। ताकि पुलिस की छवि को धूमिल करने वालों को सबब मिल सके।