पीलीभीत: टनकपुर हाईवे पर आसान नहीं रात का सफर, कदम-कदम पर हादसे का डर...सुधार कार्य में बरती लापरवाही बनी मुसीबत
पीलीभीत, अमृत विचार। इन दिनों सड़क हादसों की रोकथाम के लिए शासन प्रशासन स्तर से मुहिम चलाई जा रही है। जिसके तहत 19 ब्लैक स्पॉट चिन्हित करते हुए डीएम-एसपी की ओर से सुधारात्मक कार्य कराने की रणनीति बना भी ली गई है। इसके लिए एनएचआई , पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय कर दी गई है। मगर, वर्तमान में अभी सड़कों पर अव्यवस्थाओं की भरमार है। ऐसे में राहगीरों को खासकर रात के वक्त हाईवे पर सफर करने के दौरान सतर्कता बरतने की जरूरत है। आलम ये है कि इधर सावधानी हटी और उधर दुर्घटना घटी।
टनकपुर हाईवे पर छतरी चौराहा से लेकर कचहरी तक के रास्ते पर पिछले कई सालों से एक समस्या बनी हुई थी। फुटपाथ से मुख्य सड़क की ऊंचाई काफी अधिक थी। जिसके चलते कई बार पूर्व में हादसे हो भी चुके हैं। पूर्व डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने भी बीते साल एफसीआई गोदाम के पास स्कूटी सवार छात्राओं के घायल होने और डिप्टी आरएमओ कार्यालय के बाहर डीसीएम पलटने के बाद संज्ञान लिया था। मगर उस वक्त कुछ खास काम नहीं हो सका था।
जिसके बाद इसी माह की शुरुआत में सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा का संदेश देते हुए जब डीएम संजय कुमार सिंह, एसपी अविनाश पांडेय की ओर से मुहिम शुरू की गई और ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए थे। उन पर सुधारात्मक कार्य कराने की भी प्लानिंग कर ली गई तो लगा था कि जल्द ही इस समस्या से निजात मिलेगी। मगर डीएम-एसपी के गंभीर होने के बाद जिम्मेदारों की ओर से फुटपाथ को सड़क के समतल करने के लिए डाली गई मिट्टी ही अब हादसे का सबब बनती दिखाई दे रही है।
इसके अलावा भी कई स्थानों पर अव्यवस्थाएं बनी हुई है। रात के वक्त रोशनी के पर्याप्त इंतजाम न होने की वजह से राहगीरों का सफर खतरे से खाली नहीं प्रतीत हो रहा है। हालांकि जिलाधिकारी भी समस्या के संज्ञान में आने पर पत्राचार कर चुके हैं। मगर अभी तक उसका असर धरातल पर नहीं दिखाई दे सका है।
एफसीआई गोदाम के पास सड़क के दोनों तरफ मिट्टी और गिट्टी के ढेर
टनकपुर हाईवे पर दिन-रात बड़े वाहनों की आवाजाही रहती है। अस्पताल, स्कूल और कचहरी जाने वाले भी इस मार्ग को ही चुनते हैं। ऐसे में सुबह शाम के बीच दोपहर के वक्त भी ट्रैफिक बढ़ा रहता है। गौहनिया चौराहा से लेकर नकटादाना चौराहा तक फुटपाथ पर डाली गई मिट्टी और पत्थरों का पहाड़ सा बन गया है।
एफसीआई गोदाम के पास तो सड़क के दोनों तरफ पहले से अधिक अव्यवस्था दिखाई दे रही है। रात के वक्त इस मार्ग पर रोशनी के भी पर्याप्त इंतजाम नहीं रहते। एक्सीडेंट भी कई हो चुके हैं। ऐसे में सड़क और फुटपाथ की ऊंचाई का अंतर मिटाने के लिए की गई कवायद ही हादसे को न्यौता देती दिखाई दे रही है।
गौहनिया तालाब की क्षतिग्रस्त रेलिंग का स्थायी समाधान नहीं
टनकपुर हाईवे पर गौहनिया तालाब की रेलिंग बीते दिनों क्षतिग्रस्त हो गई थी। रेलिंग का काफी हिस्सा क्षतिग्रस्त होने के बाद तालाब में ही समां गया था। इसे लेकर हादसे का डर बढ़ा तो शिकायतें की गई। जिसके बाद प्रशासन ने संज्ञान भी लिया। पहले मिट्टी से पटान कराया गया। जिसके बाद बांस लगा दिए गए हैं। उन पर रेडियम रिफ्लेक्टर टेप भी लगाया गया है। ताकि रात के वक्त हादसे से बचा जा सके। मगर स्थायी इंतजाम कई दिन बाद भी नहीं हो सका है। लगाए गए बांस के सहारे हादसे को कैसे रोका जा सकेगा, इस पर राहगीर भी सवाल खड़े करते दिखाई दे रहे है। उनका कहना है कि मार्ग पर रोशनी के भी पर्याप्त इंतजाम कराए जाने चाहिए।

मां यशवंतरी देवी मंदिर मार्ग पर नाला निर्माण के चलते मुसीबत
शहर को बारिश से बचाने के लिए नगर पालिका की आरे से इन दिनों कई जगह नये नालों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। ऐसे में कुछ अव्यवस्था तो होना आम बात है। यशवंतरी देवी मंदिर मार्ग पर इन दिनों मां पूर्णागिरि जाने वाले श्रद्धालुओं की भी आवाजाही बनी हुई है। जिसके चलते श्रद्धालुओं की ट्रैक्टर ट्रॉलियां डीजे लगे वाहन भी गुजर रहे है। एक तरफ नाले को लेकर खुदाई करने के साथ मिट्टी के ढेर लगे हुए हैं। उसके अलावा दूसरी तरफ सड़क पर ही निर्माण सामग्री फैला दी गई है। दिन में लू चलने पर धूल के थपेड़े मुसीबत बने हुए हैं। फिर रात के वक्त अंधेरे में इस मार्ग से आवाजाही करते वक्त राहगीरों की मुसीबत बनी हुई है। राहगीरों का कहना है कि कम से कम निर्माण सामग्री को ही साइड से करा दिया जाए तो कुछ राहत मिल सकेगी।

अयोध्यापुरम कॉलोनी में नाला खुदाई के बाद सड़क पर डाले गए मिट्टी के ढेर
टनकपुर हाईवे से सटी अयोध्यापुरम कॉलोनी में नाला निर्माण को लेकर खुदाई की गई है। खास बात यह है कि नाला निर्माण करने वालों ने नाला खुदाई के दौरान निकाली गई मिट्टी को बेतरतीब ढ़ग से सड़क पर ही बिखेर दिया। जिससे सड़क जहां-तहां ऊबड़खाबड़ हो चुकी है।

वाहनों चालको के लिए यहां से गुजरना एक मुश्किल भरा काम नजर आता दिखाई दे रहा है। वहीं नाले की तरफ बने घरों में रहने वाले लोगों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मिट्टी खुदाई किए कई बीत चुके हैं, लेकिन काम धेले भर का भी नहीं हुआ है। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि यदि जल्द काम शुरू नहीं हुआ तो आने वाले बरसात के दिनों में समस्या और भी बढ़ेगी।
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