संपत्ति के लालच में नाती ने किया बुजुर्ग दम्पति का मर्डर, घर में सड़ी-गली हालत में मिले थे नाना-नानी के शव
देवा/ बाराबंकी, अमृत विचार। 11 मई को देवा कस्बे में बुजुर्ग दम्पति की हत्या कर कमरे को बाहर से बंद कर हत्यारा फरार हो गया। पुलिस ने सप्ताह भर बाद मुखबिरों व सूत्रों की मदद से इस गुथ्थी को सुलझा कर हत्या करने वाले को गिरफ्तार कर लिया। हत्या का आरोपी साहिल वारसी मृतक बुजुर्ग का सगा नाती है और सम्पति की लालच में उसने बुजुर्ग दम्पति की हत्या कर फरार हो गया। पूरा मामला 11 मई का है।
यहाँ मृतक माजिद हुसैन वारसी (उम्र 65 )व उनकी पत्नी मसरत जहां वारसी (उम्र 62) देवा कस्बे में एक मकान खरीद कर लगभग पांच छह साल से रहते थे और हत्यारोपी साहिल बुजुर्ग दम्पति का सगा नाती था। मृतक दम्पति हरियाणा में घर बनवा कर रहते थे इधर करीब छह सात महीने पहले मृतक माजिद हुसैन ने हरियाणा का घर पचपन लाख रूपये में बेचा था। हाजी वारिश अली शाह के प्रति आस्थावान होने की वजह से वह दोनो देवा में आकर मकान लेकर रह रहे थे। हत्यारोपी के नाना मृतक माजिद हुसैन के कहने पर ही हत्यारोपी साहिल के पिता ने उसे अपने घर से बेदखल कर दिया था। और साहिल अपनी ससुराल में रहकर मजदूरी कर जीवन यापन करता था। वह खुद का कोई धन्धा करना चाहता था लेकिन उसके पास पैसे का अभाव था। हत्यारोपी साहिल को पता था कि उसके नाना ने हरियाणा का मकान बेचकर पच्चीस लाख रूपये बैक में फिक्स कर रखा है और बचे पैसे कही न कही घर में जरूर रखे होगे। नाना के कहने पर पिता द्वारा साहिल को घर से बेदखल की कसक और खुद का धन्धा करने की लालच ने साहिल को हत्यारा बना दिया।
योजनाबद्ध तरीके से की गई दम्पति की हत्या
बड़े ही सुनियोजित तरीके से बुजुर्ग दम्पति की उसी के नाती ने हत्या कर लाश को कमरे में ठिकाने लगाकर बाहर से दरवाजा बन्द कर फरार हो गया। देवा कोतवाल अनिल कुमार पाण्डेय ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि हत्यारोपी साहिल आठ मई को करीब ग्यारह बजे दिन में अपने मोबाइल फोन को घर पर छोड़ कर देवा आ गया था। किसी दूसरे के मोबाइल का सहारा लेकर उसने अपने नाना ( मृतक माजिद) को कोरियर रिसीव करने के बहाने देवा में ही नाना के घर से दूर बुला लिया। और मौके का फायदा उठा कर नाना के मकान में पहुच गया जहाँ उसकी नानी पहले से ही बीमार थी।
नानी के बीमार होने की जानकारी साहिल को पहले से ही थी। घर पहुचते ही साहिल ने अलमारी में रखे जेवर और नकदी पर हाथ साफ करने की कोशिश करनी चाही तो नानी ने इसका विरोध किया। बीमार नानी के विरोध करने पर उसने नानी की ईट से मार मार कर हत्या कर दी। थोड़ी ही देर में साहिल के नाना घर पहुचे तो उसने नाना को देख लिया। साहिल को यह शक हुआ कि नाना ने उसे देख लिया नाना उसे फंसा न दे इस लिए उसने नाना की भी वही हत्या कर दी और अलमारी का लाक तोड़कर उसमें रखे पैतृक हजार रूपये और जेवरात लेकर घर में बाहर से ताला लगाकर फरार हो गया। पूरे मामले का खुलासा कर पुलिस ने हत्यारोपी के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया।
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