समर्थ पोर्टल से ही अब प्रवेश लेगा लखनऊ विश्वविद्यालय, वीसी की बैठक में हुआ निर्णय, जानिए क्या हैं फायदे, क्यों हुआ लागू
अमृत विचार लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय अब स्नातक और परास्नातक में छात्रों के प्रवेश समर्थ पोर्टल के माध्यम से ही लेगा। इस पर कुलपति ने बैठक कर अपनी अंतिम मोहर शनिवार को लगा दी है। बैठक में सभी संकायाध्यक्ष और विभागाध्यक्षों की मौजूदगी में ये निर्णय लिया गया है। कुलपति ने स्पष्ट किया है कि विश्वविद्यालय की कुलाधिपति राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और उच्च शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के अनुसार ये निर्णय लिया है।
मौजूदा समय में शैक्षिक सत्र 2024-25 में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया चल रही है। इसी बीच समर्थ पोर्टल पर प्रवेश का निर्णय लिए जाने के बाद विश्वविद्यालय ने तेजी से इस पर काम करना शुरू कर दिया है। जल्द ही इसका लिंक जारी किया जायेगा। हालांकि अभी लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर आवेदन प्रक्रिया जारी रहेगी। प्रवेश पाने वाले छात्रों का ब्योरा समर्थ पोर्टल पर शामिल कर लिया जायेगा। कुलपति की बैठक में तय हुआ कि समर्थ पोर्टल के कार्यान्वयन संबंध में सभी संकायाध्यक्ष, निदेशकों तथा विभागाध्यक्ष तेजी लायें। इस पोर्टल को लेकर प्रोफेसर मुकुल श्रीवास्तव तथा डॉ. नागेंद्र कुमार मौर्य ने एक संक्षिप्त प्रेंसेंटेशन सभी के समक्ष किया। इस बैठक में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा विनोद कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक विद्या नंद त्रिपाठी भी मौजूद रहे।
पोर्टल पर रहेंगी ये भी सुविधायें
समर्थ पोर्टल पर ही लीव मोड्यूल, रिक्रूइटमेंट मोड्यूल तथा कैस प्रमोशन मोड्यूल को भी प्रथम फेज में जल्द से जल्द लागू करने के लिया निर्देशित किया गया है। कुलपति ने कहा कि इसके लिए जो आवश्यक तैयारियां की जरूरत है वह समय से करनी होगी ताकि व्यवस्था में कोई समस्या न आने पाये।
समर्थ पोर्टल से ये होगा फायदा
एकीकृत समर्थ पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के दूरदराज के छात्रों को अब अन्य विश्वविद्यालयों में संचालित हो रहे पाठ्यक्रमों की जानकारी एवं उनमें प्रवेश का मौका मिल सकेगा। इसके साथ ही एक समान समय पर प्रवेश, एक समान समय पर परीक्षाएं तथा एक समान समय पर परीक्षा परिणाम प्राप्त होंगे। इससे जहां प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी तो वहीं छात्रों को भी सुविधा मिलेगी। इसलिए इसलिए इस व्यवस्था को लागू किया जा रहा है।
" कुलपति की बैठक में समर्थ पोर्टल के माध्यम से प्रवेश लिए जाने के निर्देश दिए गये हैं। विश्वविद्यालय की ओर से इस पर तेजी से कार्य जारी है "
डॉ दुर्गेश श्रीवास्तव प्रवक्ता लखनऊ विश्वविद्यालय
