Bareilly News: लंबे-लंबे लिए शटडाउन, मरम्मत के कामों पर फूंके 22 करोड़...फिर भी हो रहे हैं फाल्ट

Bareilly News: लंबे-लंबे लिए शटडाउन, मरम्मत के कामों पर फूंके 22 करोड़...फिर भी हो रहे हैं फाल्ट

बरेली, अमृत विचार। फरवरी से अप्रैल तक लंबे-लंबे शटडाउन लेकर बिजली की लाइनों की मरम्मत और ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि करने का दावा किया गया था। इस काम पर दो योजनाओं के तहत 22 करोड़ जैसी बड़ी रकम भी खर्च की गई लेकिन इसके बावजूद गर्मी में लोड बढ़ते ही सारे इंतजाम जवाब देने लगे हैं। वे इलाके भी बिजली संकट से जूझ रहे हैं, जहां मेंटिनेंस के बाद निर्बाध ढंग से बिजली देने का दावा किया गया था।

शहरी क्षेत्र के चारों डिविजनों में गर्मी शुरू होने से पहले ही बिजली सप्लाई का सिस्टम दुरुस्त करने की तैयारी शुरू कर दी गई थी। मार्च और अप्रैल में नगर निकाय और आरडीएसएस योजना के तहत लाइनों की मरम्मत, खराब उपकरणों को बदलने, बंच केबिल ठीक करने, लाइनों को सही ऊंचाई पर रखने और उनकी गार्डिंग और ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने जैसे काम किए गए थे। 

पुरानी जर्जर लाइनों को हटाकर उनकी जगह नई लाइन भी खींची गई थी। नगर निकाय योजना में सात करोड़ और आरडीएसएस योजना में 15 करोड़ की रकम खर्च की गई। मरम्मत के इन कामों के लिए अलग-अलग इलाकों में चार से पांच घंटे तक लंबे शटडाउन लिए गए।

इससे पहले फरवरी और मार्च में पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन के निर्देश पर अनुरक्षण माह भी मनाया गया था। इस दौरान भी गर्मियों में लोड बढ़ने के मद्देनजर लाइनों और उपकरणों की मरम्मत की गई थी और इसके लिए हर रोज चार से पांच घंटे तक के लंबे शटडाउन लिए गए थे लेकिन अब ताबड़तोड़ ढंग से हो रहे फाल्ट इस सारी कवायद और दावों पर सवाल खड़े कर रहे हैं। लगातार ट्रांसफार्मरों के फुंकने की वजह से लोगों को और बड़े संकट का सामना करना पड़ रहा है। तमाम इलाके ट्रिपिंग से भी जूझ रहे हैं।

दोहरी मार: पहले मेंटिनेंस के दौरान संकट झेला, अब फाल्ट की वजह से
रविवार की रात पीलीभीत बाईपास के विशाल मेगा मार्ट के पास लगा 250 केवी का ट्रांसफार्मर डैमेज हो गया। उसकी लीड जल गई तो उसकी जगह दूसरा ट्रांसफार्मर लगाना पड़ा। अनुरक्षण माह में इस ट्रांसफार्मर की जांच की गई थी।

सुभाषनगर इलाके के गंगानगर में लगा वह ट्रांसफार्मर भी फुंक गया जिसे अनुरक्षण माह में चेक कर दुरुस्त घोषित किया गया था, वह भी अंडरलोड होने के बावजूद। अब अधिकारी सफाई दे रहे हैं कि यह ट्रांसफार्मर पुराना होने की वजह से फुंक गया। ट्रांसफार्मर की लीड जल जाने या बुश खराब होने की ऐसी ही कई और घटनाएं हो चुकी हैं। लाइनों में फाल्ट की घटनाओं का कोई शुमार ही नहीं है।

24-24 घंटे में नहीं बदल पा रहे ट्रांसफार्मर
बिजली विभाग के अफसर अपनी सारी व्यवस्था बेहतर होने का दावा तो कर रहे हैं लेकिन असल में स्थिति यह है कि ट्रांसफार्मर फुंकने की घटनाओं के बाद 24-24 घंटे तक उनकी सुध नहीं ली जा रही है। पहले गंगानगर और अगले ही दिन कांधरपुर में फुंका ट्रांसफार्मर 24 घंटे बाद भी न बदले जाने की वजह से लोग जाम लगाकर हंगामा कर चुके हैं।

पिछली गर्मी के मुकाबले इस बार कम फाल्ट हो रहे है। नगर निकाय के तहत अभी एक ही चरण का काम हुआ है। काफी काम कराने को रह गया है। फिर भी बेहतर आपूर्ति दी जा रही है। एसडीओ से जेई तक रात में उपकेंद्रों पर नजर बनाए हुए हैं। फाल्ट होने पर तत्काल ठीक कराए जा रहे हैं। - रणविजय सिंह, मुख्य अभियंता

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