हल्द्वानी: अमृतपुर में 'ऑपरेशन', नदी में 'मर्यादा' तार-तार

हल्द्वानी: अमृतपुर में 'ऑपरेशन', नदी में 'मर्यादा' तार-तार

सर्वेश तिवारी, हल्द्वानी, अमृत विचार। मर्यादा में रहते रहे हुए पर्यटक वादियों का आनंद लें, इसी वजह से पुलिस ने ऑपरेशन मर्यादा की शुरुआत की। हालांकि न तो पर्यटक मर्यादा का ख्याल रख रहे हैं और न ही ऑपरेशन सफल होता दिख रहा है। बिंदुखत्ता निवासी भुवन की मौत के बाद अचानक पुलिस और वन विभाग हरकत में आया। अमृतपुर में चेकिंग शुरू हुई और लोगों को नदी की ओर जाने से रोका गया, लेकिन अब अमृतपुर में 'ऑपरेशन' स्थिल पड़ चुका है और नदी में 'मर्यादा' तार-तार हो रही है। 

मंगलवार की दोपहर 'अमृत विचार' की टीम अमृतपुर में वास्तविकता परखने पहुंची। लगा आमजन की तरह उन्हें भी अमृतपुर गेट पर ही रोक कर पूछताछ की जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। क्योंकि अमृतपुर गेट पर न तो वन विभाग की टीम थी और न ही पुलिस। एक बेरीकेड था, जो किनारे पर खड़ा था। टीम आगे बढ़ी तो बड़ी संख्या में लोग आते-जाते दिखाई दिए, जो स्थानीय नहीं लग रहे थे।

करीब 500 मीटर आगे बढ़े तो नदी साफ दिखने लगी और उसमें गोते लगाने वाले भी। टीम भी पथरीले रास्ते से होते हुए नदी तक पहुंच गई। पथरीले रास्तों पर दर्जनों की संख्या में मोटर साइकिल, स्कूटी और कारें खड़ी थीं। ये वाहन जिनके थे वो नदी में मौज-मस्ती कर रहे थे। कुछ नव युगल थे, कुछ दोस्तों के साथ आए थे और कुछ परिवार और छोटे बच्चों के साथ। कुछ लोगों से पूछताछ की तो पता लगा कि एक परिवार काशीपुर से सिर्फ अमृतपुर में नहाने के लिए आया था। इसी तरह एक युगल भी यहां रुद्रपुर से आया था। ऐसे ही करीब चार दर्जन से अधिक लोग अमृतपुर से जमरानी तक नदी में नहाते नजर आए।

वन विभाग का बोर्ड लगा पर पढ़ता कोई नहीं
अमृत विचार की टीम जब पड़ताल कर रही थी, तभी सायरन बजाती वन विभाग की एक गाड़ी वहां पहुंची। सड़क से ही लोगों को नदी से बाहर निकलने की अपील की जा रही थी, लेकिन कोई सुन नहीं रहा था। टीम नदी तक पहुंची तो भी लोगों पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। क्योंकि इस टीम में कोई अधिकारी नहीं था। एक वर्दीधारी था, जिसके पास एक डंडा तक नहीं था।

हर पेग पर गोते लगा रहा था दोस्तों का जमघट
नदी में नहाने वाले सिर्फ नहाने के लिए नहीं आते। बल्कि ये पार्टी करने की पूरी तैयारी के साथ आते हैं। अमृतपुर में गोते लगाने वालों में एक ग्रुप दोस्तों का भी था। ये अपने साथ शराब की बोतल भी लाए थे। आते ही इन दोस्तों ने पहले पैग लगाया और नदी में नहाने उतरे। ये सिलसिला हर पैग के साथ चलत रहा था। 

स्थानीय लोगों का संरक्षण और विरोधी भी स्थानीय
अमृतपुर में ऐसे तमाम लोग हैं जो नदी में नहाने की आड़ में अश्लीलता फैलाने, शराब पीने और गंदगी फैलाने के खिलाफ अकसर शिकायत करते रहते हैं। हालांकि कुछ स्थानीय ही इन्हें संरक्षण भी देते हैं, क्योकि इन्हीं नहाने वालों से इनकी दुकानदारी चलती है। ऐसे कई दुकानदार हैं, जिन्होंने नहाने के बाद कपड़े बदलने के लिए यहां चेंजिंग रूम बनवाये हैं।