रुद्रपुर: बीएचईएल के डाटा एंटी कर्मी ने किया 8.21 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा

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Published By Bhupesh Kanaujia
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रुद्रपुर, अमृत विचार। भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड में अस्थाई तौर पर डाटा एंट्री का कार्य करने वाले एक कर्मी ने बेहद ही शातिराना अंदाज से कंपनी में 8.21 लाख रुपये लाखों का फर्जीवाड़ा कर दिया। आरोप था कि अस्थाई कर्मी ने कंपनी के वेंडर कोड का खाता संख्या और आईएफएससी कोड बदल कर भुगतान करा लिया। मामला पकड़े जाने पर कंपनी के डीजीपी वित्त ने तहरीर देकर मुकदमा पंजीकृत करवाया।

जानकारी के अनुसार बीएचईएल के डीजीएम वित्त जितेंद्र सिंह ने बताया कि कंपनी में अस्थाई तौर पर शरद तोमर नाम का युवक पिछले डेढ़ साल से डाटा एंट्री का कार्य करता है। जो कि रोजमर्रा के होने वाले वेंडर कोड भुगतान के अलावा कंपनी के लेनदेन को देखता था। बताया कि अक्सर कंपनी वेंडर कोड और बैंक टेस्ट फाइल और मेल आईडी पर होने वाले भुगतान का एंट्री के आधार पर लेनदेन करती है। जिसकी डाटा फाइल व बैंक डिटेल होती है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2007 से इसी ऑनलाइन तकनीक पर कार्य होता आ रहा है। आरोप था कि पांच माह पहले आरोपी डाटा एंट्री कर्मी ने शातिराना अंदाज से वैंडर कोड लाभार्थी मैसर्स प्रगति इलेक्ट्रिकल प्राइवेट लिमिटेड का खाता संख्या बदल कर अपना खाता संख्या और आईएफएससी कोड बदल दिया, जबकि वेंडर कोड लाभार्थी का नाम वही रखा। जिसके आधार पर आरोपी रोज अपने खाते में कंपनी के देनदारी का भुगतान करता रहा।

इसी दौरान जब वेंडर कोड लाभार्थी ने कोई भी भुगतान नहीं होने की शिकायत की तो बैंक और लाभार्थी के खाता डिटेल का मिलान कराया गया। पाया कि डाटा एंट्री कर्मी ने कुटरचित तरीके से फर्जीवाड़ा कर कंपनी का 8.21 लाख रुपये का भुगतान अपने खाते में करवाया और शादी का बहाना बनाकर नौकरी छोड़ दी। पुलिस ने डीजीएम वित्त की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 

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