Hamirpur: आत्महत्या के लिए उकसाने पर दोषी पति को मिली सात साल की सजा, कोर्ट ने लगाया इतने रुपये का जुर्माना

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Published By Deepak Shukla
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हमीरपुर, अमृत विचार। आत्महत्या को उकसाने के साढ़े 14 साल पुराने मामले में विशेष न्यायाधीश डकैती कोर्ट अनिल कुमार खरवार की अदालत ने फैसला सुनाया है। अदालत ने दोषी पति को सात वर्ष की कैद व पांच हजार जुर्माने से दंडित किया है। जुर्माना अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। जबकि सास की मुकदमा दौरान मौत हो गई।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अशोक कुमार शुक्ला ने बताया कि जनपद फतेहपुर थानाक्षेत्र हुसैनगंज के असनी गांव निवासी मृतका के चाचा छोटेलाल ने थाना सुमेरपुर में दी तहरीर में बताया था, कि उसने अपनी भतीजी रीता की शादी कस्बे के मोहल्ला धर्मेश्वर बाबा निवासी राजेश उर्फ राजू सोनकर के साथ वर्ष 1998 में की थी।

बताया भतीजी को शादी के कुछ दिन बाद ही ससुरालीजन पति व ससुर गयाचरन, सास सुमित्रा, देवर रामप्रताप आदि अतिरिक्त दहेज को लेकर उसे प्रताड़ित करते थे। कई बार भतीजी को समझा बुझाकर उसे ससुराल भेज देते थे। साथ ही आस पास के लोगों को बुलाकर पंचायत कराई, लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ। 

बताया कि उनकी प्रताड़ना से तंग आकर भतीजी ने छह जून 2009 को आग लगा लिया, जिससे वह गंभीर रूप से जल गई। जिसकी कानपुर हैलट में आठ जून को इलाज के दौरान मौत हो गई। मामले में विवेचक ने पति व सास के खिलाफ आत्महत्या को उकसाने का मामला दर्जकर आराेप पत्र कोर्ट में पेश किया था। जिसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने दोषी पति राजेश उर्फ राजू को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। जबकि सास सुमित्रा की इलाज के दौरान मौत हो गई।

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