बदायूं: चालकों को नशीली दवा खिलाकर लूटते थे ई-रिक्शा, पुलिस ने पकड़ा गिरोह

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Published By Moazzam Beg
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कुछ दिनों से चालक को नशीला पदार्थ खिलाकर ई-रिक्शा लूटने की बढ़ गई थी घटनाएं

पुलिस की गिरफ्त में नशीली दवा खिलाकर ई-रिक्शा लूटने के आरोपी

बदायूं, अमृत विचार। कुछ दिनों से जिले में चालकों को नशे की दवाएं मिलाकर खाद्य व पेय पदार्थ देकर ई-रिक्शा लूटने की घटनाएं बढ़ी हैं। एसएसपी के आदेश पर एसओजी और लगभग सभी थानों की पुलिस गिरोह की तलाश में थी। गुरुवार को गिरोह के तीन सदस्य कोतवाली सिविल लाइन के हत्थे चढ़ गए। 

तीनों के पास से लूटे गए आठ ई-रिक्शा, आठ बैट्री, नशे की गोलियां, तमंचा और जिंदा कारतूस बरामद किए। दो युवक ई-रिक्शा बुक करते थे और तीसरा आरोपी नशीली दवा का इंतजाम करता था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके जेल भेज दिया। आरोपी ने बिना चिकित्सक के लिखे नशीला दवा देने वाले मेडिकल स्टोर संचालक के बारे में बताया है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।

सहसवान, मुजरिया, सिविल लाइन, कुंवरगांव, वजीरगंज आदि थाना क्षेत्र में ई-रिक्शा लूटने की घटनाएं सामने आई थीं। पीड़ित सभी ई-रिक्शा चालकों ने बताया कि था उनका बुक करने के बाद ई-रिक्शा में बैठे लोगों ने रास्ते में नशीली दवा मिलाकर कोल्ड ड्रिंक पिलाई या कुछ खिलाया था। चालकों के बेहोश होने पर उनका मोबाइल, रुपये और ई-रिक्शा लूट लिया गया था। पुलिस ने जांच शुरू की थी लेकिन गिरोह तक नहीं पहुंच पा रही थी। 

घटनाओं के अनावरण के लिए एसएसपी ने एसओजी के अलावा पुलिस की कई टीमें गठित की थीं। गुरुवार दोपहर लगभग तीन बजे पुलिस ने एआरटीओ चौरहो के पास बिट्टो लॉन के पास से तीन लोगों को पकड़ा। तीनों ने अपना नाम उझानी क्षेत्र के मोहल्ला पठान टोला निवासी शान मोहम्मद उर्फ शानू पुत्र नूर मोहम्मद, दीन मोहम्मद पुत्र जान मोहम्मद और आबिद अली पुत्र शानू अली बताया। पुलिस ने उनसे सख्ती से पूछताछ की। उन्होंने कहा कि आबिद नशीली दवा का इंतजाम करता है। शान मोहम्मद और दीन मोहम्मद ई-रिक्शा बुक करते हैं। 

आरोपियों की निशानदेही पर लूटे गए आठ ई-रिक्शा, आठ बैट्री, दो तमंचे, तीन जिंदा कारतूस और एक मोबाइल बरामद किए। पुलिस तीनों को गिरफ्तार करके कोतवाली ले गई। रिपोर्ट दर्ज करके जेल भेजा गया। गिरफ्तारी करने वाली टीम में सर्विलांस प्रभारी नीरज कुमार, एसओजी प्रभारी उपनिरीक्षक धर्वेंद्र सिंह, प्रभारी निरीक्षक गौरव विश्नोई, उपनिरीक्षक राजीव चौहान व सुमित कुमार आदि रहे।

शहर के बाहर जाने के लिए ज्यादा रुपये का देते थे लालच
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह संगठित गिरोह चलते हैं। वह दिखाने के लिए ई-रिक्शा चलाते हैं और मजदूरी करते हैं। मुख्य रूप से नगर के भीड़भाड़ वाले इलाकों से ज्यादा रुपये देने का लालच देकर ई-रिक्शा शहर के बाहर जाने के लिए बुक करते हैं। चालक से बात करते समय दोस्ती कर लेते थे। 

रास्ते में चालक को झांसे में लेकर नशीली दवा मिलाकर कोल्ड ड्रिंक, खाने-पीने का सामान, बीयर, शराब आदि पिलाते थे। यह दवा रंगहीन और गंधहीन होती है। जिसे खाते समय पता नहीं चलता। दवा देने के कुछ समय के बाद ही चालक बेहोश हो जाते हैं। फिर से रास्ते में कहीं लिटाकर लूट करके चले जाते हैं। एक साथी दूसरा ई-रिक्शा लेकर पीछे चलता रहता है। फिर लूटे हुए ई-रिक्शा की बैट्री व अन्य सामान दूसरे ई-रिक्शा में डालकर ले जाते थे। जिसे बेचकर मिलने वाले रुपये आपस में बरामद बांट लेते थे। 

चिकित्सक के दवा पर ही मिलती है यह नशीली दवा
बेहोश करने के लिए ई-रिक्शा को दी जाने वाली नशीली दवा वैसे तो प्रतिबंधित है। एमबीबीएस डिग्री धारक चिकित्सक के पर्चे पर ही यह नशीली दवा मिल सकती है। नींद न आने पर चिकित्सक यह दवा लिखते हैं। एक गोली व्यक्ति के लिए बहुत असर कारक होती है लेकिन अगर दो या तीन गोलियां खिला दी जाएं तो व्यक्ति की हालत बिगड़ सकती है। वह कोमा में जा सकता है यहां तक की ज्यादा गोलियां देने से मौत भी हो सकती है। 

आरोपी आबिद कुछ दिन पहले एक अस्पताल में कंपाउंडर था। वह अपने पहचान के मेडिकल स्टोर से दवा लेता था। पुलिस उस मेडिकल स्टोर को भी चिंह्नित कर रही है। आरोपी आसपास के जिलों में भी घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। उनके बारे में भी पुलिस जानकारी कर रही है।

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