बदायूं: डिजिटल होगा अमृत सरोवर का डाटा, बनेगी डायरी

बदायूं: डिजिटल होगा अमृत सरोवर का डाटा, बनेगी डायरी

बदायूं, अमृत विचार: जिले के सभी 15 विकास खंड़ों की ग्राम पंचायतों में पिछले साल 75 अमृत तालाबों का निर्माण कराया गया था। इन सभी अमृत सरोवर का डाटा संरक्षित करने के लिए डिजिटल डायरी बनाई जा रही है।  ब्योरा डिजिटल होने के बाद सभी तालाबों की जानकारी आसानी से मिल सकेगी। मनरेगा कर्मचारियों ने अमृत सरोवर का डाटा डिजिटल करना शुरू कर दिया है। 

भूगर्भ जल की मात्रा हर साल घटती जा रही है। वाटर लेबल एक से दो फुट नीचे जा रहा है। जिसमें गर्मियों के दौरान  स्थिति और खराब हो जाती है। भू गर्भ जल स्तर बढ़ाने और बारिश के दौरान जल संग्रहीत करने के लिए शासन के आदेश पर पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान जिले के सभी 15 विकास खंड़ों के गांवों में पांच-पांच अमृत सरोवर का निर्माण कराया गया था। 

अमृत सरोवरों को बनवाए जाने के समय इस बात पर भी जोर दिया गया है कि बरसात में गांवों से निकलने वाले पानी को इसमें लाने की भी व्यवस्था की जाए। इसके लिए इनलेट बनवाए गए हैं और तालाब में पानी अधिक हो जाने की दशा में आउटलेट भी दिए गए हैं। आजादी के अमृत महोत्सव में वैसे तो 75 अमृत सरोवर बनवाए जाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन कुछ दिनों बाद इसमें वृद्धि कर दी गई। 

शासन स्तर से कहा गया कि सभी ब्लॉकों में 10-10 तालाबों का निर्माण कराया जाए। परंतु जिले में करीब 282 तालाबों को अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया गया था। यह कार्य मनरेगा मद से कराया गया। मनरेगा मद से गांवों के तालाबों का अमृत सरोवर का रुप दिए जाने के साथ ही अन्य तालाबों की डिजिटल डायरी बनवाई जा रही है। जिले में तालाबों की संख्या 12 सौ से अधिक है। 

इन सभी का डाटा डिजिटल किया जा रहा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्रालय की ओर से अब इन तालाबों की निगरानी के उद्देश्य से डिजिटल डायरी बनवाई जा रही है। श्रम रोजगार उपायुक्त बलराम कुमार ने बताया कि डिजिटल डायरी में अमृत सरोवर का पूरा विवरण और दो फोटो भी रहेंगी। अब तक दो से अधिक अमृत सरोवर की डिजिटल डायरी तैयार बना ली गई है। शेष कार्य तेजी से चल रहा है। जिसे समय पर पूरा कर लिया जाएगा।

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