Bareilly News: हसनी मियां के उर्स में उमड़ा अकीदत का सैलाब, गंगा जमुनी तहजीब की देखने को मिली मिसाल
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बरेली, अमृत विचार। ख्वाजा कुतुब स्थित खानकाह-ए-नियाजिया में बुधवार शाम अकीदत का सैलाब देखने को मिला। हसनी मियां के दो दिवसीय उर्स के आखिरी दिन दूर दराज से पहुंचे जायरीन ने अकीदत का नजराना पेश किया। उर्स में गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल देखने को मिली।
तमाम धर्मों के लोगों ने उर्स में एक साथ हिस्सा लिया। खानकाह के सज्जादानशीन मेहंदी मियां की सरपरस्ती में सभी कार्यक्रम हुए। कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन हो गया।
अजमेर शरीफ, हजरत निजामउद्दीन औलिया, बख्तियार काकी महरौली दिल्ली समेत तमाम दरगाहों और खानकाहों के गद्दीनशीन और सज्जादानशीन शामिल हुए। अस्र की नमाज के बाद मीलाद का आगाज हुआ। मगरिब के बाद खास दस्तरख्वान सजाया गया। जिसमें शहर के तमाम लोग मौजूद रहे। इशा की नमाज के बाद महफिल-ए- समां में फनकारों ने कलाम पेश किए।
देर रात 2 :10 बजे कुल की रस्म अदा की गई। कुल के बाद रंग और कड़का पढ़ा। साथ ही देश और कौम के लिए दुआ की गई। तमाम मुरीद खानकाह-ए-नियाजिया के सज्जादानशीन से इजाजत लेकर अपने घरों को रवाना हुए।
खानकाह में मिलता है दिली सुकून
प्रबंधक शब्बू मियां नियाजी ने बताया कि खानकाह-ए-नियाजिया ऐसा मरकज है, जहां इंसान को दिली सुकून का एहसास होता है। यहां की सूफियाना रिवायात से रूहानी, जिस्मानी व जहनी सुकून मिलता है। उन्होंने कहा कि खानकाह-ए-नियाजिया की एक रिवायात यह भी है, जो आपस में भाईचारा और मोहब्बत का पैगाम देती है। यही वजह है कि हर तबके के लोग यहां आते हैं।
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