दस खराब आदतें आपको आगे बढ़ने से रोकती हैं, इस लिए आज ही रोकें ये काम
हम सभी अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं और अधिक पैसे के साथ बड़ा घर, बड़ी गाड़ी, बड़ा पद यानि हमेशा ग्रोथ चाहते हैं। लेकिन हर बार वैसा नहीं होता है जैसा हम चाहते हैं। जबकि मेहनत भी हम बहुत करते हैं और रिजल्ट बहुत कम मिलता है।
क्या कभी सोचा है कि अपने मन मुताबिक रिजल्ट न मिलने के पीछे कारण कहीं न कहीं हम खुद तो नहीं। कहीं हमारे अंदर तो नहीं है कुछ ऐसी आदतें जो हमारी ग्रोथ की राह में दीवार बन गई है। इस पर महात्मा गांधी ने एक वाक्य बोला कि आज की कोशिश ही कल की सफलता की बुनियाद है। लेकिन ये दस आदतें छोड़ दे तो आप को सफलता जल्द मिलेगी।
होता है उतार चढ़ाव
हर किसी की लाइफ में उतार चढ़ाव आता है। कुछ लोग हिम्मत करके सामना करते हैं कुछ लोग पीछे हटना बेहतर विकल्प मानते हैं। यहीं सोच उन्हें आगे नहीं बढ़ने देती है। फिर या तो वह अपनी किस्मत को कोसते हैं या जीवन से निराश होते हैं।
आगे बढ़ने से डरना
अगर आपको तैरना है तो पानी में कूदना होगा। बाजार जाना है तो घर से बाहर निकलना ही होगा। कुछ भी पाने के लिए पहला कदम आगे बढ़ाना होगा। इसीलिए आगे बढ़ना है तो रिस्क लेना होगा। इसीलिए पर्सनल ग्रोथ के लिए आगे बढ़ना है तो रिस्क लेना होगा।
कल पर काम टालना
आज का काम कल पर टालना बुरी आदत है। आज इसे रहने देते हैं, ये कल करेंगे। अगर आप ऐसे करते हैं तो ऐसे में आप अपने कई जरूरी कामों को कल पर टाल देंगे और लक्ष्य तक नहीं पहुंचेंगे।
कुछ नया सीखने से डरना
दुनिया तेजी से बदल रही है और इस बदलाव में निरंतर कुछ सीखते रहना दुनिया तेजी से बदल रही है और इस गतिशील बदलाव में निरंतर सीखते रहना केवल एक ऑप्शन नहीं है, यह एक जरूरत है।
नकारात्मक सोच रखना
सकारात्मक मानसिकता रखने से हम चुनौतियों का सामना करने की हिम्मत कर पाते हैं। लेकिन कुछ लोग चुनौतियां आने पर नकारात्मक बातों पर जोर देते हैं। वे समाधान की बजाय समस्याओं पर ध्यान देने लगते हैं, जो आगे के अवसरों को उनकी नजरों से दूर कर देता है।
लक्ष्य निर्धारित करना
जीवन में लक्ष्य निर्धारित करना हमें आगे के लिए सही रास्ता दिखाता है। यह जाना बहुत जरूरी है। जीवन में लक्ष्य निर्धारित करना हमें आगे के लिए सही रास्ता दिखाता है। यह जानना बहुत जरूरी है कि हमारा लक्ष्य क्या है, इसके लिए क्या करना है, कहां से शुरु करना है और कहां तक जाना है।
जिम्मेदारियों से बचना
सफलता का क्रेडिट खुद लेना और असफलता का दूसरे के सिर मढ़ देना। यानी अपनी जिम्मेदारी, अपनी अकाउंटबिलिटी से पल्ला झाड़ लेना। जो लोग जीवन में जिम्मेदार नहीं होते, जो हर अच्छे और बुरे काम की जिम्मेदारी नहीं लेते, वे अपनी गलतियों से कभी सीखते नहीं हैं। वो हमेशा एक डिनायल मोड में ही रहते हैं।
बदलाव से घबराना
पता है, जीवन में सिर्फ एक ही चीज स्थाई है- और वह है बदलाव। कभी सुना है कि हमेशा गर्मी का, बारिश का या वसंत का ही मौसम रहे। जैसे कोई मौसम एक जैसा नहीं रहता, जीवन को भी नहीं रहना चाहिए।
कंफर्ट जोन से पंसद करना
आराम हर किसी को पंसद होता है और हर कोई आरामदायक जिंदगी तलाश करता है। अगर कोई जगह हमें पसंद आ जाए तो हम वहां बस आराम से जम जाना चाहते हैं। लेकिन सफलता तो हमेशा कंफर्ट जोन के बाहर आकर मिलती है।
आत्मविश्वास की कमी
खुद पर भरोसा ये सफलता की दिशा में बढ़ा सबसे पहला कदम हैं। हालांकि सेल्फ काॉन्फिडेंस का मतलब ओवर कॉन्फिडेंस नहीं होता है। ये बडबोले पन के लक्षण हैं।
दूसरों का फीडबैक न लेना
फीडबैक एक मिरर की तरह है। ये हमें दिखाता है कि हम कहां अच्छा कर रहे हैं और कहां पर बेहतर कर सकते हैं। लेकिन कुछ लोगों को उस आइनें में खुद को देखना पंसद नहीं होता है।
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