जानिए, क्यों होती है ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी

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बरेली, अमृत विचार। आज “वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे” है। बरेली आर्थोपेडिक एसोसिएशन के प्रेजिडेंट डॉ प्रमेन्द्र माहेश्वरी ने बताया कि यह बीमारी ज्यादातर बुजुर्गों में और महिलाओं में पाई जाती है और इसका मतलब है हड्डियों का कमजोर हो जाना अगर किसी की हड्डियां कमजोर होंगी तो उनके जोड़ जल्दी खराब होने लगते हैं और उनको …

बरेली, अमृत विचार। आज “वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे” है। बरेली आर्थोपेडिक एसोसिएशन के प्रेजिडेंट डॉ प्रमेन्द्र माहेश्वरी ने बताया कि यह बीमारी ज्यादातर बुजुर्गों में और महिलाओं में पाई जाती है और इसका मतलब है हड्डियों का कमजोर हो जाना अगर किसी की हड्डियां कमजोर होंगी तो उनके जोड़ जल्दी खराब होने लगते हैं और उनको घुटनों के कूल्हों के या कमर के दर्द की शिकायत रहती है।

ज्यादातर यह दर्द बुजुर्गों और महिलाओं में पाए जाते हैं क्योंकि उम्र के साथ-साथ और महिलाओं में मीनोपॉज के बाद हड्डिया जल्दी कमजोर होने लगती हैं और उनके टूटने का खतरा बढ़ जाता है इसीलिए बुजुर्गों में कलाई के, कूल्हे के और रीढ़ की हड्डी के टूटने के अधिकतर मामले देखने को मिलते हैं लेकिन अब पुरुषों में भी ऑस्टियोपोरोसिस एक आम समस्या है।

इसका कारण है तंबाकू शराब या अन्य किसी प्रकार का नशा करना और दूसरा कारण है किसी भी प्रकार का व्यायाम न करना और इसीलिए कम उम्र में भी अब युवा वर्ग कमर के दर्द को लेकर क्लीनिक में आते रहते हैं। अगर समय रहते 15/16 वर्ष की उम्र से ही नियमित दूध और दूध से बनी चीजों का खानपान यानी कैल्शियम, रोजाना आधा घंटे का व्यायाम और अपने शरीर पर धूप लगाना ताकि कुदरती कैल्शियम बने और किसी भी प्रकार के जंक फूड या नशा न करना, इन सभी स्टेप से ऑस्टियोपोरोसिस से बचा जा सकता है ध्यान रहे इस साइलेंट किलर बीमारी का बचाव ही इलाज है।

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