गोंडा: वटवृक्ष की पूजा कर सुहागिनों ने मांगा अखंड सौभाग्य का वरदान, देखें वीडियो
जिले में धूमधाम से मनाया गया वट सावित्री व्रत का पर्व
गोंडा, अमृत विचार। पति की लंबी आयु की कामना को लेकर बृहस्पतिवार को वट सावित्री व्रत पूरे जिले में श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखा और वट वृक्ष की पूजा कर अखंड सुहाग का वरदान मांगा। इस दौरान महिलाओं ने मंगल गीत गाए और सावित्री तथा सत्यवान की कथा का प्रसंग सुना। वट सावित्री व्रत प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह की अमावस्या को मनाया जाता है। बृहस्पतिवार को अमावस्या के दिन यह पर्व धूमधाम से मनाया गया।
कहा जाता है कि वट वृक्ष के नीचे बैठकर ही सावित्री ने अपने पति सत्यवान को दोबारा जीवित कर लिया था। इसी दिन सावित्री अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस ले आई थीं। इसलिए पति की लंबी आयु के लिए सुहागिनें इस दिन व्रत रखती हैं। इस व्रत में महिलाएं सावित्री के समान अपने पति की दीर्घायु की कामना तीनों देवताओं से करती हैं, ताकि उनके पति को अच्छा स्वास्थ्य और दीर्घायु प्राप्त हो सके।
मान्यता है कि वट वृक्ष की पूजा लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य देने के साथ ही हर तरह के कलह का नाश होता है। बृहस्पतिवार को अमावस्या के दिन जिले भर में वट सावित्री व्रत पूरे श्रद्धा और विधि विधान से मनाया गया। सुहागिन महिलाओं ने प्रात:काल स्नान कर पति की दीर्घायु की कामना लेकर व्रत का संकल्प लिया और फिर वट वृक्ष यानि बरगद के पेड़ के नीचे जाकर वट देवता की पूजा अर्चना की।
लाल पीले रंग के वस्त्र धारण कर सुहागिन महिलाएं पूजन सामग्री को थाली में सजाकर समूह में वट वृक्ष के नीचे गयीं तथा वहीं सावित्री और सत्यवान की प्रतिमा स्थापित कर उनका पूजन किया। महिलाओं ने सिंदूर, रोली, फूल, अक्षत, चना, मिठाई अर्पित कर वट वृक्ष का पूजन किया।
परिवार की उन्नति की कामना से विशेष तौर से खरबूजे का प्रसाद चढ़ाया गया। उसके बाद कच्चे सूत में हल्दी लगाकर उसे वट वृक्ष के तने पर परिक्रमा करते हुए 7 बार लपेटा और फिर वट वृक्ष की सात परिक्रमा कर अखंड सौभाग्य का वरदान मांगा।
पूजा के पश्चात महिलाओं ने समूह में बैठकर वट सावित्री व्रत की कथा सुनी और मंगल गीत गाए। पहली बार वट सावित्री व्रत रखने वाली सृष्टि त्रिपाठी ने कहा कि अखंड सुहाग का संकल्प लेकर सुहागिन महिलाएं वट सावित्री व्रत रखती हैं। पहली बार उन्होने भी वट सावित्री या व्रत रखा है। वह अपनी मां और चाची के साथ वट वृक्ष के पूजन के लिए आई हैं।
गोंडा: वटवृक्ष की पूजा कर सुहागिनों ने मांगा अखंड सौभाग्य का वरदान
— Amrit Vichar (@AmritVichar) June 6, 2024
जिले में धूमधाम से मनाया गया वट सावित्री व्रत का पर्व
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