Kanpur: मां के दूध के साथ पूरक आहार, स्वस्थ जीवन का है आधार, डॉक्टर बोले- इन चीजों को खिलाने से बच्चे होंगे सेहतमंद...

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। जन्म से छह माह तक बच्चे को सिर्फ मां का ही दूध देना चाहिए, लेकिन छह माह पूरे होने के बाद मां के दूध साथ ही ऊपरी आहार भी बच्चे को देना चाहिए। क्योंकि छह माह के बच्चे की शारीरिक जरूरतें बढ़ जाती है। यह जानकारी भारतीय बाल रोग अकादमी के सचिव डॉ.अमितेश यादव ने दी। 

भारतीय बाल रोग अकादमी ने गुरुवार को हैलट अस्पताल में बाल रोग विभाग के सभागार में पूरक आहार दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें छह माह तक बच्चे को मां का दूध और छह माह बाद मां के दूध के साथ ऊपरी आहार का भी सेवन करने पर जोर दिया गया। अकादमी के सचिव डॉ. अमितेश यादव ने बताया कि जन्म के छह माह तक मां का दूध ही बच्चे के लिए संपूर्ण आहार माना जाता है। 

मां का दूध न केवल पचने में आसान होता है बल्कि इससे नवजात की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है। लेकिन छह माह के बाद सिर्फ स्तनपान से बच्चे को आवश्यक पोषण की पूर्ति नहीं हो पाती है। इसलिए मां के दूध के साथ बच्चे के भोजन में पौष्टिक आहार को शामिल करना चाहिए। 

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.यशवंत राव ने बताया कि शुरुआत में आहार में चावल से बनी हुई चीज सबसे अच्छी होती हैं। केला, पपीता और सेब को नवजात को मसल कर ही खिलाना चाहिए। पूर्व डीजीएमई डॉ. वीएन त्रिपाठी, डॉ.रूपा डालमिया सिंह, डॉ. शैलेंद्र  गौतम, डॉ. प्रतिभा सिंह व डॉ.नेहा अग्रवाल समेत आदि डॉक्टर, जेआर व स्टाफ मौजूद रहा।

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