Exclusive: विलक्षण पक्षी अबाबील को पसंद आया मोतीझील, बड़ी संख्या में बनाए घरौंदे, लोगों के लिए बने कौतुहल का विषय

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अभिषेक वर्मा। शहरी क्षेत्र में विलुप्त होने की कगार पर पहुंचे अबाबील पक्षी को मोतीझील की आबो-हवा ऐसी पसंद आई है, उसने बड़ी संख्या में यहां घरौंदे बना लिए हैं। अबाबील के ये अनोखे घोंसले नगर निगम में आनेवाले लोगों के लिये कौतुहल का विषय हैं। अधिकारी अब नगर निगम की गोल बिल्डिंग अबाबील के ये घरौंदे संरक्षित करने में जुटे हैं। 

महापौर और नगर आयुक्त की कुर्सी पर कोई भी आसीन हो, मुख्यालय में विकास के नाम पर कितना भी बड़ा काम क्यों न होना हो, लेकिन अबाबील के घोंसले हटाने की इजाजत किसी को नहीं है। इसते चलते अबाबील के घोसलों की संख्या में निरंतर वृद्धिहोती जा रही है।

गौरेया जैसे आकार और वजन में 25 से 50 ग्राम के अबाबील पक्षी देखने में मनमोहक होते हैं। इनके मुंह का रंग काला तथा गरदन के नीचे हिस्सा सफेद रहता है। यह हमेशा गोलाई में तेजी से मंडराती हैं। नगर निगम में अबाबील ने एक नहीं 100 से अधिक घोंसले बना रखे हैं। यह पक्षी जल के समीप वाले स्थानों में झुंडों में रहते हैं। यूरोप तथा भारत में समान रूप से येमिट्टी के लोंदों से अपना घोंसला बनाते हैं। अबाबील अक्सर चट्टानी खंड, बरामदों के बाहर निकले भाग, बॉलकनी या मकानों के अंदर अपने घोंसले बना लेती है। इसका घोंसला छिछले प्याले की तरह ऊपर स खुले
मुख का होता है।

नगर निगम मुख्यालय की मुख्य भवन में घुसते ही सदन के बाहर बरामदे में इन पक्षियों नेमिट्टी के 100 से अधिक घोंसले बना लिए हैं। संरक्षण के कारण धीरे-धीरे घोंसलो की संख्या बढ़ती जा रही है। केयरटेकर राम जी अवस्थी और उनके कर्मचारियों की नहर हमेशा इन घोंसलों पर रहती है ताकि कोई इन्हें नुकसान न पहुंचा सके। 

राष्ट्रपति के आने पर भी नहीं की गई छेड़छाड़

साल 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नगर निगम सदन आये थे। पूरे नगर निगम को दुल्हन की तरह सजाया गया था। चप्पे-चप्पे पर सफाई की गई थी। लेकिन इस दौरान भी अबाबील पक्षियों के घोंसलों को नहीं छुआ गया था। राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगे अधिकारियों ने घोंसलों पर आपत्ति जताई। लेकिन पक्षियों के संरक्षण की जानकारी देकर अधिकारियों ने उन्हें संतुष्ट कर दिया था।

संरक्षित प्रजाति का बोर्ड भी लगाया

अबाबील पक्षी और उनके घोंसलों के संरक्षण का बोर्ड नगर निगम ने भवन के अंदर लगाया है। इस बोर्ड में लिखा है कि अबाबील पक्षी विश्व प्रसिद्ध चिड़ियों में एक है। अबाबील वाइल्ड लाइफ विलुप्त प्रजाति संस्था द्वारा संरक्षित प्रजातियों में शामिल है। नगर निगम अधिकारियों की ओर से साफ निर्देश है कि कर्मचारियों और यहां आने वाले किसी भी व्यक्ति द्वारा इस पक्षी के घोंसलों को नहीं छुआ जाएगा।

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