पीलीभीत: जिम्मेदारों ने गौशाला स्टाफ पर फोड़ा लापरवाही का ठींकरा...फिर होगी बदली, बीडीओ ने नए स्टाफ को लेकर शुरू की प्रक्रिया

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Published By Vishal Singh
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पीलीभीत, अमृत विचार। देवीपुरा गौशाला में गोवंशीय पशुओं की बदहाली दूर करने के नाम पर एक बार फिर शिकायत के बाद शुरू हुआ शोर शांत कराने के लिए गौशाला के स्टाफ पर लापरवाही का ठींकरा फोड़ दिया गया है।  जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से देखरेख में बरती गई लापरवाही पर सिर्फ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जाएगा। जबकि अभी ढाई माह पहले ही तीन गोवंशीय पशुओं की मौत के बाद केयरटेकर को हटाकर नये की तैनाती कराई गई थी।

उस वक्त भी ये दावे किए गए थे कि अब पशुओं की देखरेख में कमी न आए...प्रतिदिन इसकी देखरेख कराते हुए इंतजाम दुरुस्त कराए जाएंगे। फिलहाल कोई स्थायी समाधान जिम्मेदार अभी भी नहीं तलाश सके हैं।

मरौरी ब्लाक के अंतर्गत आने वाली देवीपुरा गौशाला एक बार फिर सुर्खियों में है। तीन दिन पूर्व  हिंदू महासभा कार्यकर्ताओं को सूचना मिली थी कि देवीपुरा गौशाला में रात को गोवंशों को बेचा जा रहा है। पशुओं की संख्या कम होने के बावजूद अभिलेखों में संख्या बढ़ाकर दर्शाई जा रही है। इसके अलावा मृत गोवंशों का सही से न दफनाने की भी शिकायत की गई थी। महासभा कार्यकर्ताओं ने इसकी शिकायत डीएम एवं सीडीओ से की थी। 
सीडीओ धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने मामले को संज्ञान में लेते हुए शिकायत की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच करने के निर्देश दिए थे। सीडीओ के निर्देश पर दो सदस्यीय टीम में शामिल डिप्टी सीवीओ डॉ. लक्ष्मी प्रसाद एवं खंड विकास अधिकारी मरौरी मृदुला ने गोशाला पहुंचकर जांच की थी। जांच के दौरान मृत पशुओं के दफनाने में लापरवाही उजागर हुई थी। वहीं गोवंशों की गणना भी कराई गई, जिसमें पांच गोवंश कम पाए गए थे। 

टीम ने इस पूरे मामले में ग्राम प्रधान और सचिव अनिल कुमार की लापरवाही पाते हुए रिपोर्ट सीडीओ सौंप दी थी। बताते हैं कि गौशाला में तैनात स्टाफ की कार्यशैली को लेकर उंगलियां उठने लगी हैं। इधर अब सीडीओ धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने खंड विकास अधिकारी मरौरी को गोशाला में तैनात पूरे स्टाफ को हटाकर उसके स्थान पर दूसरा स्टाफ रखने के निर्देश दिए है। वर्तमान में गोशाला में एक केयरटेकर, दो चौकीदार, तीन गोपालक समेत सफाई कर्मी तैनात है। सीडीओ के निर्देश पर खंड विकास अधिकारी मृदुला ने स्टाफ को हटाने एवं नए स्टाफ की तैनाती को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है।

अप्रैल में ही हटाया था केयरटेकर
देवीपुरा गौशाला में सुधार न होने पर सख्ती का असर सिर्फ गोशाला के स्टाफ तक सीमित रह गया है।  इसी साल 28 मार्च की शाम गौशाला पहुंचे विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं को कई गोवंश मृत हालत में मिले थे। इसके बाद हल्ला मचा तो जांचें कराई गई।  तीन गोवंश की मौत होने की पुष्टि प्रशासनिक स्तर से की भी गई। मगर उस वक्त भी प्रधान सचिव को नोटिस देकर कर्तव्यों से इतिश्री कर ली गई थी। जबकि केयरटेकर को हटा दिया गया था।

प्रधान-सचिव को थमाया जाएगा नोटिस
सीडीओ के निर्देश पर गठित टीम ने देवीपुरा गौशाला में पहुंचकर जांच की थी। जांच के दौरान ग्राम प्रधान और सचिव की लापरवाही उजागर हुई थी। जांच टीम द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर सीडीओ ने ग्राम प्रधान और सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य विकास अधिकारी ने देवीपुरा गौशाला का स्टाफ हटाने को निर्देशित किया है। नए स्टाफ ढूंढा जा रहा है। जल्द ही पुराने स्टाफ को हटाकर उसके स्थान पर दूसरा स्टाफ तैनात किया जाएगा- मृदुला, खंड विकास अधिकारी, मरौरी।

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