Unnao: राजीव नगर खंती में गरजा रेलवे का बुलडोजर, आशियाना टूटता देख गमगीन हुईं आंखे, दर्जनों मकान ध्वस्त

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Published By Deepak Shukla
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उन्नाव, अमृत विचार। गंगाघाट रेलवे स्टेशन का अमृत स्टेशन योजना के तहत कायाकल्प कराया जाना है, जिसके चलते राजीव नगर खंती की ओर से बाउंड्री बनवाई जायेगी। बाउंड्री की जद में राजीव नगर खंती के कई मकान खड़े हुए हैं। गुरुवार को आरपीएफ इंस्पेक्टर की मौजूदगी में अवैध बने मकानों पर रेलवे का बुलडोजर जमकर गरजा। आशियाना टूटता देख परिवार के लोग गमगीन रहे।

बता दें, गंगाघाट रेलवे स्टेशन के कायाकल्प के लिये राजीव नगर खंती की ओर से 180 मीटर जमीन अधिग्रहित की जानी थी, जिसको लेकर रेलवे द्वारा राजीव नगर खंती में बने अवैध मकान मालिकों को नोटिस भी जारी की गयी थी। नोटिस में लिखा था कि अतिक्रमण स्वयं हटा ले नहीं तो बलपूर्वक हटाया जायेगा।

उन्नाव में घर गिरे 2

इसके बावजूद राजीव नगर खंती में रहने वाले लोगों ने अपने अवैध निर्माणों को नहीं हटाया। गुरुवार सुबह आरपीएफ इंस्पेक्टर हरीश कुमार पुलिस कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे और कार्यदायी संस्था ने राजीव नगर खंती में बने मकानों पर बुलडोजर चलवा दिया। 

वहीं रेलवे की कार्रवाई देख अवैध बने मकानों में लोग खुद ही अपने मकान तोड़ने लगे और घरों का रखा सामान बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने लगे। इस दौरान दर्जनों मकानों पर रेलवे का बुलडोजर जमकर गरजा। जिससे कई परिवार बेघर हो गये। तेज धूप में खुले आसमान के नीचे मकान टूटने पर पारिवरिकजन गमगीन दिखे।

उन्नाव में चला बुलडोजर

बाउंड्री वॉल के चिन्हांकन को लेकर किसानों में हड़कंप, लगाई गुहार

कानपुर से लखनऊ के बीच अप और डाउन लाइन के दोनों ओर बन रही बाउंड्री वॉल में गंगाघाट क्षेत्र के रहने वाले कई किसानों की जमीन जद में आ रही है। जिसका चिन्हांकन कराया गया है। 

सरैयां गांव निवासी किशोरीलाल, मेवालाल, मोतीलाल, संतोष, सर्वेश, सुनील आदि किसानों ने उन्नाव डीएम और सीएम पोर्टल जन सुनवाई शिकायत दर्ज कराते हुये बताया कि हम लोगों की भूमि संख्या 122/1, 122/2, 128, 129 व 130 रेलवे पटरी लाइन से लगी हुयी है। 

रेलवे अपनी भूमि को बेरीकेडिंग करा रही है। इसके तहत रेलवे अपनी रेलवे भूमि की पैमाइश करायी। जिसमें उक्त नम्बरों की 80 प्रतिशत भूमि को चिन्हित किया गया है। जबकि यह भूमि किसानों की पुस्तैनी व भूमिधरी है। भूमि नक्शा खतौनी के आधार पर काबिज व दाखिल है। 

जबकि रेलवे द्वारा गलत चिन्हांकन करा कर किसानों की भूमि के हिस्से को रेलवे में बता रहा है। भूमि खतौनी के अनुसार 80 प्रतिशत कम हो गयी है। जबकि सरैया मौजा में अभी तक न सर्वे हुआ है और न ही चकबन्दी ही हुयी है। ऐसे में हम लोग खेती किसानी का काम करते हैं और इसी भूमि के सहारे अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं।

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