Unnao: अफसरों की नाक तक नहीं पहुंच रही फैक्ट्रियों से निकलने वाली जहरीली गैस...जिम्मेदार बोले- ऐसी कोई फैक्ट्री ही नहीं है
उन्नाव में अफसरों की नाक तक नहीं पहुंच रही फैक्ट्रियों से निकलने वाली ज़हरीली गैस
उन्नाव, अमृत विचार। दही औद्योगिक क्षेत्र स्थित कुछ फैक्ट्रियां आसपास के गावों में रहने वालों के लिये मुसीबत का सबब बनी हुई हैं। यह फैक्ट्रियां विषैली गैस जहर के रूप में उगल रही हैं। इससे एक दर्जन से अधिक गावों के बच्चे व बुजुर्ग बीमार पड़ रहे हैं। बच्चों से लेकर बड़ों तक सांस के मरीज बनकर जिंदगी से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने भी माना है कि क्षेत्र में फैक्ट्रियों की वजह से दमा व टीबी समेत अन्य बीमारियां फैल रही हैं। ग्रामीण नुकसान पहुंचा रहे उद्योगों को बंद कराने की मांग प्रशासन से कर चुके हैं।
दही औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े गांव चांदपुर निवासी संजय कुमार, महेश कुमार, गजौली गांव निवासी कमल यादव, मनुराम, नन्हक्के, टीकरगढ़ी गांव निवासी भूषण दास, विनय कुमार व श्याम सुंदर ने बताया कि दही औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्रियां लगने का सिलसिला बीते 25 से 30 वर्षों से जारी है। वर्तमान में इतनी फैक्ट्रियां लग चुकी हैं कि इनकी गिनती करना मुश्किल है।
आरोप लगाया कि ज्यादातर फैक्ट्रियां मानकों के विपरीत चल रही हैं। इनमें अनेक स्लाटर हाउस, चमड़ा व प्लास्टिक के दाने बनाने वाली सहित कई फैक्ट्रियों की हालत सबसे ज्यादा खराब है। कुछ ऐसी फैक्ट्रियां हैं जिनमें चोरी छिपे पुराने टायर जलाए जाते हैं। स्लाटर हाउस, लेदर, प्लास्टिक दाने व टायर गलाने सहित अन्य फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं वातावरण में फैलकर लोगों को कैंसर, टीबी, दमा, बहरापन, आखों में जलन व लाल होना, स्किन इंफेक्शन, नपुसंकता जैसी जानलेवा बीमारियां बांट रहा है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि धुएं के साथ उड़ने वाले कार्बन के कण गावों में फैलते हैं जो सांस के साथ शरीर में प्रवेश कर लोगों को मौत की ओर धकेल रहे हैं। अनेक फैक्ट्रियों की चिमनी की ऊंचाई भी मानकों के अनुरूप नहीं है। ऐसे में धुआं निकलते ही गांव में बैठ जाता है। बताया कि वह फैक्ट्रियों से निकलने वाले जानलेवा धुएं पर अंकुश लगवाने के लिए कई बार प्रशासनिक अफसरों से शिकायत भी कर चुके हैं। लेकिन, अभी तक कोई कदम प्रशासन की ओर से नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों ने नियमों का पालन न करने वाली फैक्ट्रियों को बंद कराने की मांग प्रशासन से की है।
बोले जिम्मेदार…
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अनिल माथुर ने बताया कि मेरी जानकारी में ऐसी कोई फैक्ट्री नहीं हैं। सभी फैक्ट्रियों में डिवाइस लगाए गये हैं। रही बात ग्रामीणों की समस्या की तो शिकायत आने पर जांच करवाकर ऐसी फैक्ट्रियों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी।
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