बाराबंकी: 96.75 लाख मिले तो समाज कल्याण पोछे पीड़ित दलितों के आंसू

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Published By Deepak Mishra
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एससी-एसटी अत्याचार उत्पीड़न आर्थिक मदद योजना के तहत 83 पीड़ितों को मिलनी है मदद, मारपीट, हत्या और दुराचार जैसी प्रकरण हैं शामिल 

रीतेश श्रीवास्तव/बाराबंकी, अमृत विचार। मारपीट, हत्या, दुराचार जैसे आपराधिक घटनाओं के अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के पीड़ितों के जल्द ही आर्थिक सहायता के रुप में 96 लाख 75 हजार रुपये की मदद से समाज कल्याण विभाग इनके आंसू पोंछने की तैयारी में है। अप्रैल से जून तक ऐसे में 83 प्रकरणों में कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है।

जिलाधिकारी, एसपी व सीएमओ की तीनस्तरीय कमेटी द्वारा रिपोर्ट लगाने के बाद लाभ देने के लिए स्वीकृति भी दे दी गई है। बजट मिलते ही धाराओं के अनुसार निर्धारित धनराशि पीड़ितों के खातों में भेजी जाएगी। विभाग की ओर से सभी कार्रवाई पूरी कर ली गई है। समाज कल्याण विभाग अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों पर अत्याचार के मामले में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराता है।

इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल माह से लेकर अब तक 83 प्रकरणों में दलितों पर हुए अापराधिक घटनाओं के बाद इन्हें योजना के तहत लाभांवित करने की योजना बनाई गई है। इनमें मारपीट के 72, दुराचार के 9 और हत्या से जुड़ा एक प्रकरण शामिल हैं। इन सभी को अलग-अलग धाराओं पर निर्धारित धनराशि के आधार पर पीड़ित या उसके परिवार को आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी। इसके लिए समाज कल्याण विभाग को 96 लाख 75 हजार रुपये की आवश्यकता है।

बजट मिलने से पहले विभाग ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिली लाभार्थी के रुप में पीड़ितों की सूची के आधार पर सहायता राशि खातों में भेजेगा। योजना के तहत ऐसे में पीड़ितों को लाभांवित करने के लिए जिलाधिकारी द्वारा इसकी स्वीकृति दे दी गई है। विभाग को बस बजट का इंतजार है। अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 तथा पीसीआर एक्ट के अन्तर्गत अत्याचार से प्रभावित अनुसूचित जाति के व्यक्तियों या परिवारों को आर्थिक सहायता भारत सरकार की नियमावली के अन्तर्गत न्यूनतम 85 हजार रुपये से लेकर अधिकतम 8 लाख 25 हजार रुपये तक तक की सहायता राशि मिलती है।

धारा के अनुसार मिलने वाली धनराशि

मारपीट के मामले में एक लाख रुपये मिलता है 75 हजार रुपये के केस दर्ज हाेने के बाद बाकी 25 हजार फाइनल रिपोर्ट लगने के बाद दी जाती है। इसी तरह हत्या के मामले में आठ लाख 25 हजार रुपये मिलते हैं। इसमें यह रकम तत्काल पीड़ित परिवार को दी जाती है जबकि दुराचार के मामले में पीड़ित को कुल पांच लाख की धनराशि मिलती है।

लेकिन स्वास्थ्य परीक्षण में पुष्टि के बाद एफआईआर दर्ज होने के बाद पीड़ित को पहले 3.75 लाख रुपये तुरंत तो बाकी सवा लाख रुपये की धनराशि फाइनल रिपोर्ट लगने के बाद दी जाती है। इसके अलावा दुराचार कर हत्या करने के मामले में भी निर्धारित धनराशि पीड़ित परिवार को मिलती है। इस याेजना में लाभ देेने के लिए जिलाधिकारी, एसपी व सीएमओ की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यी टीम की जांच के बाद लाभ देने की व्यवस्था है।

अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम एक्ट में अप्रैल से अब तक 83 प्रकरणों में दलिताें को लाभ दिया जाना है। एसपी कार्यालय से जो सूची मिली है। उसके आधार पर करीब 96 लाख रुपये के बजट की मांग की गई है। पैसा सीधे पीड़ित के खाते में भेजा जाएगा। स्वीकृति मिल गई है...,सत्य प्रकाश सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी।

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