पीलीभीत: अस्पताल संचालक ने खोल दी पोल, बोले- एमओआईसी ने की थी दो लाख की डिमांड...दो बार गलत नोटिस किया चस्पा 

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Published By Vikas Babu
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पीलीभीत, अमृत विचार: बिलसंडा में एक महिला की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से सीज किए गए सिद्धि विनायक अस्पताल के मामले में अब नया मोड़ सामने आया है। अस्पताल संचालक ने बिलसंडा सीएचसी के एमओआईसी पर अस्पताल सीज न करने के एवज में दो लाख रुपये मांगने का आरोप लगाया है। 

उनका कहना है कि जब रुपये की मांग पूरी नहीं हो सकी तो बिना शिकायत और जांच पड़ताल के ही उनका अस्पताल सीज कर दिया। ये भी आरोप लगाया कि एमओआईसी की ओर से अस्पताल सीज करने के दौरान दो अलग-अलग सीज के नोटिस चस्पा किए गए हैं। एक नोटिस में पहले उसके पति की मौत दिखाई, बाद में दूसरे चस्पा किए गए नोटिस में उसकी पत्नी को मृतक बताया गया। उसमें भी मृतका का नाम स्पष्ट नहीं किया है। नवीनीकरण की फाइल लंबित होने पर भी सवाल उठाए। डीएम और सीएमओ को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई करने की मांग की गई है।

बता दें कि बिलसंडा कस्बे से सटे गांव मझिगवा के ओमपाल प्रजापति की पत्नी शारदा देवी हार्ट पेशेंट थीं। हफ्ते भर पूर्व उसे बुखार आया था। सरकारी और एक अन्य प्राइवेट अस्पताल में दिखने के बाद उसे कस्बे के सिद्धि विनायक अस्पताल में लेकर पहुंचा था। जहां महिला के इलाज होने के बाद उसकी मौत पर बवाल मच गया। सोशल मीडिया पर गलत इलाज करने का आरोप भी लगाया गया था। 

हालांकि इसकी कोई लिखित शिकायत नहीं की गई थी। मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बीते बुधवार को सीएमओ के निर्देश पर मामले की जांच करने के लिए सीएचसी अधीक्षक डॉ. मनीष राज शर्मा टीम के साथ पहुंचकर अस्पताल को सीज कर दिया। लेकिन अस्पताल सीज होने के बाद अस्पताल संचालक डॉ. अरविंद कुमार ने बिलसंडा सीएचसी अधीक्षक डॉ. मनीष राज शर्मा पर दो लाख रुपये मांगने का आरोप लगाते हुए डीएम और सीएमओ से मामले की शिकायत की है। 

जिसमें उन्होंने बताया कि उनका अस्पताल पंजीकृत है। नवीनीकरण के लिए फाइल सीएमओ कार्यालय में जमा कर दी गई थी, जोकि लंबित चल रही है। 19 जून को ओमपाल अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल में आए थे। जहां उसने गंभीर होने पर हायर सेंटर ले जाने की बात कही। मगर महिला के पति के अनुरोध करने पर उसे भर्ती कर उसका इलाज किया। 

हालत में सुधार होने पर वह 20 जून को छुट्टी कराकर घर ले गया। जहां घर पर उसकी मौत हो गई। आरोप है कि मामला संज्ञान में आने के बाद सीएचसी अधीक्षक डॉ. मनीष राज शर्मा  मजिस्ट्रेट को लेकर अस्पताल में आए और बिना नोटिस के ही सीज करने का दबाव बनाने लगे। जब उनसे वार्ता की गई तो उन्होंने दो लाख रुपये की मांग करते हुए समय देकर चले गए। 

इसके बाद एमओआईसी लगातार उनके दोस्त प्रकाश शर्मा के मोबाइल पर लगातार कॉल करते रहे। जब रुपये की व्यवस्था नहीं हो सकी। इसके बाद एमओआईसी ने बिना मजिस्ट्रेट के ही अस्पताल को सीज कर दिया। जबकि पीड़ित की ओर से एमओआईसी के समक्ष अस्पताल का कोई भी दोष न होने के बयान भी दर्ज कराए हैं। इसके बाद भी अस्पताल को सीज कर दिया गया। इस मामले की जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है।

बिलसंडा के सिद्धि विनायक अस्पताल को पूर्व में सीज किया गया है। उसके संचालक ने शिकायत की है। इस मामले की जांच कराई जा रही है। अगर रुपए मांगे गए है तो कारवाई की जाएगी- डॉ.आलोक कुमार, सीएमओ

अस्पताल संचालक की ओर से शिकायत की गई है, ये मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर शिकायत मेरे पास तक आती है तो इसका जबाव दिया जाएगा- डॉ.मनीष शर्मा, सीएचसी अधीक्षक बिलसंडा

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