बरेली: आधार कार्ड संशोधन जितना जरूरी...उतना मुश्किल, नोटबंदी की याद दिला रही डाकघरों में भीड़

Amrit Vichar Network
Published By Vivek Sagar
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शिवांग पांडेय, बरेली। तमाम सरकारी और गैरसरकारी कामकाज में आधार कार्ड की अनिवार्यता पहले से ही लागू है और समय के साथ और बढ़ती जा रही है। शिकायत करने की सरकारी प्रक्रिया में भी आधार कार्ड अनिवार्य किया जाने लगा है लेकिन लोगों को जितनी ज्यादा उसकी जरूरत पड़ रही है, उतना ज्यादा उसे बनवाना और उसमें संशोधन कराना मुश्किल हो गया है। हर रोज आधार कार्ड संशोधन के लिए हजारों लोग सेंटरों पर पहुंच रहे हैं लेकिन इनमें से काम 15-20 प्रतिशत का ही हो पा रहा है। कई बार भीड़ इतनी ज्यादा हो जाती है कि नोटबंदी जैसा नजारा दिखने लगता है।

आधार कार्ड संशोधन कराने के लिए इतनी मारामारी इसलिए बढ़ी है क्योंकि कुछ समय पहले तक जिले में बैंकों और डाकघरों समेत तीन सौ ऐसे सेंटर थे जहां यह काम कराया जा सकता था लेकिन बैंकों की ओर से इसे अपने ऊपर बोझ बताकर हाथ खींच लिए जाने के बाद अब इनकी संख्या घटकर सौ के आसपास रह गई है। सेंटर कम होने के अनुपात में ही नए आधार कार्ड बनने और उनमें संशोधन का भी ग्राफ नीचे आया है। तीन सौ सेंटरों पर रोज नए आधार बनाने और संशोधन का औसत पांच हजार का था जो अब घटकर दो हजार के आसपास रह गया है।

डाकघरों की भी आधार कार्ड संशोधन में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है। वे मैनपावर की कमी की वजह से इस काम को अपने लिए जटिल बताते हैं। जनसेवा केंद्रों का कोटा तय है, लिहाजा वे भी एक दिन में निश्चित संख्या से ज्यादा आधार कार्ड संशोधित नहीं कर सकते। इसी कारण यह समस्या उन लोगों के लिए विकराल हो गई है जिन्हें आधार कार्ड में संशोधन कराने की तात्कालिक जरूरत है।

डाकघरों में भी घंटों लाइन में लगने के बावजूद काम होने की गारंटी नहीं
हेड पोस्ट ऑफिस में आधार कार्ड संशोधन कराने के लिए आने वालों के लिए दो काउंटर हैं। दोनों काउंटरों पर रोज लगभग 80 आवेदन निपटाने का औसत है लेकिन भीड़ कई बार पांच सौ से हजार लोगों तक की पहुंच जाती है। इसके अलावा 39 उप डाकघरों पर प्रतिदिन साढ़े सात सौ से आठ सौ आधार कार्ड संशोधित किए जाने का औसत है, जबकि उनमें इसकी तुलना में कई गुना ज्यादा लोग रोज पहुंचते हैं।

बेतहाशा भीड़ रहने की वजह से घंटों लाइन में लगकर धक्कामुक्की का शिकार होने वाले लोगों को भी निराश होकर लौटना पड़ता है। पिछले दिनों नवाबगंज में दो दिन तक लाइन में लगने के बाद भी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के आधार कार्ड संशोधित नहीं हो पाए तो उन्होंने अपने अभिभावकों के साथ रात में ही बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा के सामने डेरा जमा लिया था ताकि सुबह हो तो सबसे पहला नंबर उनका आए।

सीनियर पोस्टमास्टर बोले- जनता संयम रखे
डाकघरों के कर्मचारियों का कहना है कि वे लगातार काम करते हैं लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा है कि एक दिन में सबका काम कर पाना संभव नहीं है। सर्वाधिक समस्या बायोमेट्रिक करने के लिए बच्चों के फिंगर प्रिंट स्कैन करने में आ रही है। इसमें काफी समय लग रहा है। प्रधान डाकघर के सीनियर पोस्टमास्टर सुमनेश कुमार का कहना है कि आधार संशोधन के लिए दो काउंटर लगातार चल रहे हैं। जल्द और संसाधनों का इंतजाम करेंगे ताकि ज्यादा लोगों को सेवा मिल सके। फिलहाल उनकी अपील है कि जनता संयम बरते।

इक्का-दुक्का बैंक शाखाओं में नाम मात्र के लिए आधार संशोधन
अब जिले में एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक की इक्का-दुक्का शाखाओं में ही आधार बनाने और संशोधन करने का काम किया जा रहा है। स्टेट बैंक की महानगर शाखा के अधिकारियों के अनुसार करीब साल भर आधार संशोधन का काम स्थगित रहने के बाद सप्ताह भर पहले ही दोबारा काउंटर शुरू किया गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा की पांच शाखाएं आधार संशोधन कर रही हैं लेकिन शहर में अयूब खां चौराहा शाखा में सिर्फ 15 आधार ही रोज संशोधित किए जाते हैं। दूसरी बैंक शाखाओं में इसके लिए कोई अलग काउंटर नहीं है। एलडीएम वीके अरोरा का कहना है कि आधार कार्ड बनाने और संशोधन के लिए बैंकों को निर्देश जारी किए जाएंगे। फिलहाल आधार कार्ड संबंधी कोई जानकारी प्रशासन के साथ साझा नहीं की जाती है।

बीएसएनएल, बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग और बीएसए कार्यालय में भी बनने शुरू हुए आधार
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि आंगनबाड़ी वर्करों को टैबलेट न मिलने की वजह से साल भर से आधार कार्ड नहीं बन पा रहे थे लेकिन सप्ताह भर पहले 16 टैबलेट और डेस्कटॉप मिलने के बाद पांच साल तक के बच्चों के घर जाकर आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं।बीएसएनएल के एसडीई रहमान के मुताबिक चौपुला स्थित कॉमन सर्विस सेंटर पर रोज 30-35 आधार कार्ड बनाए और संशोधित किए जा रहे है। शासन ने स्वास्थ्य विभाग और बीएसए के कार्यालय में भी आधार बनाने का आदेश दिया है लेकिन वहां अभी इसकी शुरुआत नहीं हुई है।

हेड पोस्टऑफिस में लंबी लाइन में लगे शांत वशिष्ठ ने बताया कि वह आधार कार्ड में फिंगर प्रिंट अपडेट कराने आए हैं। एक तो भीड़ बहुत है, दूसरे काम बहुत धीमे किया जा रहा है। दो घंटे बाद भी उनका नंबर नहीं आया है। अफसर खां ने भी यही बात कही। सिटी डाकघर में मोहम्मद असलम ने बताया कि वह तीन घंटे से लाइन में लगे हैं। बार-बार कनेक्टिविटी चली जाती है, जिसकी वजह से लाइन में लगे सभी लोग परेशान हैं।

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